देश भर के बुनकरों को सम्मानित करने के लिए हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस मनाया जाता है। मंगलवार को इस संबंध में राजस्थान के जयपुर शहर में राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। लेकिन ये कार्यक्रम वीआईपी लोगों की व्यस्तता के चलते उपेक्षा का शिकार हो गया। हालात ये रहे कि जब टेक्‍सटाइल राज्य मंत्री अजय टम्टा कार्यक्रम समाप्त होने से सिर्फ 10 मिनट पहले सभागार पहुंचे। यही नहीं सारे पुरस्कार भी बांटे जा चुके थे।

बता दें कि राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस का राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम जयपुर के बिड़ला सभागार में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में पूरे देश से आए बुनकरों को सम्मानित किया जाना था। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी के अलावा केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी शिरकत करनी थी। लेकिन ऐन वक्त पर सब गड़बड़ हो गया।

बताया गया कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और मनोज सिन्हा संसद का सत्र चलने के कारण नहीं आ सके। जबकि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गौरव यात्रा के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकीं। बाद में स्मृति ईरानी ने अपने स्थान पर केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा को कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए भेज दिया। लेकिन राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबर के अनुसार जब तक टम्टा बिड़ला सभागार में पहुंचे, पुरस्कार बांटे जा चुके थे। यही नहीं लोग हॉल छोड़कर जा भी चुके थे।

बाद में मंच पर पहुंचे टम्टा ने देरी से आने के लिए माफी मांगी और केंद्रीय मंत्री के न आने का कारण बताया। बाद में कुछ बचे हुए लोगों को ही टम्टा ने पुरस्कार दिया और संबोधित भी किया। वैसे बता दें कि चार साल पहले 7 अगस्त 2015 को पीएम मोदी ने राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया था। पहला राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस चेन्नई में मनाया गया था। जिसमें खुद पीएम ने शिरकत की थी।