राजस्थान के उदयपुर की घटना की जांच अब एनआईए कर रही है। वहीं इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि प्रारंभिक जांच के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाया है कि उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या काफी सतर्कता के साथ की गई थी और पाकिस्तान में रहने वाले व्यक्ति ने हत्यारे मोहम्मद गौस को हत्या के लिए उकसाया था। पाकिस्तान में बैठे “सलमान भाई” नाम के व्यक्ति ने मोहम्मद गौस से कहा था कि तुम्हें कुछ शानदार करना चाहिए क्योंकि शांतिपूर्ण विरोध का कोई परिणाम नहीं होता है।

सूत्रों के मुताबिक मोहम्मद गौस दिसंबर 2014 में दावत-ए-इस्लामी के निमंत्रण पर 45 दिनों के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गया था। दावत-ए-इस्लामी पाकिस्तान स्थित एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है। उसने बताया कि जनवरी 2015 में लौटने के बाद वह कुछ व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हो गया और पाकिस्तान में बैठे “सलमान भाई और अबू इब्राहिम” नाम के शख्स के संपर्क में था।

एनआईए की प्रारंभिक जांच के अनुसार मोहम्मद गौस और रियाज ने 10 जून से 15 जून के बीच ही हमले की योजना बनाना शुरू कर दिया था। उन्होंने एजेंसी को बताया कि कन्हैयालाल के दुकान के पास ही रहने वाले “बबला भाई” ने 10 से 11 लोगों की पहचान की थी और उन पर हमला करने के लिए अलग-अलग लोगों को काम सौंपा था। नूपुर शर्मा की टिप्पणी से ही यह लोग नाराज थे।

एक सूत्र ने बताया, “बबला भाई की भूमिका और अन्य विवरणों की जांच की जा रही है।” आरोपी मोहम्मद गौस और रियाज की शुरुआती जांच से यह भी पता चला है कि हमले से पहले के दो-तीन हफ्तों में कुछ लोगों की तस्वीरें और विवरण मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के साथ स्थानीय व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किए गए थे। एक सूत्र ने बताया कि कन्हैयालाल की तस्वीर और विवरण भी इनमें से एक समूह में साझा किया गया था।

सूत्रों ने बताया कि मोहम्मद गौस और रियाज ने कन्हैयालाल को अपने लक्ष्य के रूप में चुना, क्योंकि उनकी दुकान आरोपियों के कार्यस्थल के करीब थी और कुछ स्थानीय युवाओं ने उनकी सक्रिय रूप से सहायता की। उनमें से दो वसीम और मोहसिन खान ने 28 जून को हुए हमले से पहले दर्जी की दुकान की रेकी की थी। मोहसिन और आसिफ हुसैन के रूप में पहचाने जाने वाले अन्य व्यक्तियों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था।