राजस्थान में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सात बार के विधायक भंवर लाल शर्मा का निधन हो गया है। काफी समय से भंवर लाल शर्मा बीमार चल रहे थे और मेदांता में उनका इलाज चल रहा था। कुछ दिन पहले ही उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन रविवार सुबह उनका निधन हो गया। भंवर लाल शर्मा के निधन पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दुख जताया है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने भी दुख जताया है।

भंवर लाल शर्मा राजस्थान में कांग्रेस के ब्राह्मण चेहरे के रूप में जाने जाते थे। शर्मा चुरू जिले के सरदारशहर से सात बार विधायक चुने जा चुके हैं। वह कई बार कांग्रेस की सरकार के लिए संकटमोचक के रूप में खड़े रहे तो कई बार उन्होंने कांग्रेस को ही मुश्किल में डाला। 2020 में जब पायलट गुट के विधायक राजस्थान छोड़कर मानेसर चले गए थे, उन विधायकों में भंवरलाल शर्मा भी शामिल थे। इसके बाद उन्हें कांग्रेस की सरकार गिराने की साजिश रचने के लिए निलंबित भी किया गया था।

अशोक गहलोत ने जताया दुख

सीएम अशोक गहलोत ने भंवर लाल शर्मा के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट कर लिखा, “सरदारशहर (चूरू) से कांग्रेस विधायक श्री भंवरलाल शर्मा के निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं। काफी समय से वो अस्वस्थ चल रहे थे, उनके स्वास्थ्य को लेकर मैं उनके परिवारजनों के सम्पर्क में था। कल रात एसएमएस अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों से जानकारी ली और परिवार से मुलाकात की थी। ईश्वर से प्रार्थना है शोकाकुल परिजनों को इस बेहद कठिन समय में सम्बल प्रदान करें एवं दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।”

करीब 15 साल पहले भंवर लाल शर्मा ने राहुल गांधी पर एक टिप्पणी की थी, जो काफी विवादों में रही थी। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी 4-5 जोकरों से घिरे हुए हैं। भंवर लाल शर्मा ने कहा था कि राहुल गांधी और सचिन पायलट जैसे नेता राजनीतिक विरासत से आए हैं। शर्मा के इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने उनके खिलाफ कार्यवाही करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था। लेकिन 2008 विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें बहाल कर दिया गया था।

भंवरलाल शर्मा 1985 में पहली बार लोकदल से विधायक बने थे। उसके बाद 1990 में जनता दल के टिकट पर विधायक बने। 1998, 2003, 2013 और 2018 में वह कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे। 2020 में जब उन्हें निलंबित किया गया था, उसके बाद से ही वह सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ माने जाते थे।