राजस्थान में सियासी संकट जारी है। सत्ता के खेल में कौन किस पर भारी है, इसका फैसला अभी होना बाकी है, लेकिन सीएम अशोक गहलोत गुट के नेताओं और विधायकों के तेवर सचिन पायलट के लिए अब भी वैसे ही हैं और बदल नहीं रहे हैं। राज्य के खेलमंत्री अशोक चांदना से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो वे उलटा मीडिया पर ही भड़क उठे। बोले- आप कौन होते हैं पूछने वाले, आपके सवाल का मैं जवाब क्यों दूं? हर चीज आपको क्यों बताऊं?
अशोक चांदना का कहना है कि पार्टी में जो कुछ पिछले दो-तीन दिन में हुआ, उसे बगावत कहा जा रहा है, लेकिन ऐसा है नहीं। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। बात रखना बगावत नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि हम किसी से डरते नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि “विधायकों की बैठक में नहीं आने को केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन ने अनुशासनहीनता करार दिया है और इस पर कार्रवाई की बात कही है” तो उन्होंने कहा, “हम देखेंगे कि वे कब कार्रवाई करेंगे। हम डर नहीं सकते।”
कहा, “आज राजनीति का जो हाल है, उसके लिए मीडिया जिम्मेदार है”
खेल मंत्री चांदना ने कहा कि जब भी वे कुछ बोलते हैं तो मीडिया में उनकी बात तोड़-मरोड़कर पेश की जाती है। कहा कि आज राजनीति का जो हाल है, उसके लिए मीडिया जिम्मेदार है। मीडिया बात का बतंगड़ बनाती है। वह हर सवाल का जवाब मीडिया को नहीं दे सकते हैं।
कहा, “हमसे सवाल पूछने का अधिकार केवल जनता-जनार्दन को है। वह जो भी पूछेगी, उसका हम जवाब देंगे। जनता ने हमें विधायक और मंत्री बनाया है। सिर्फ उसे ही हमसे पूछने का हक है, मीडिया को बिल्कुल नहीं है। जितना हम चाहेंगे, मीडिया को उतना ही बताएंगे। उससे ज्यादा कुछ नहीं।”
इस बीच राजस्थान में जारी सत्ता संग्राम के चलते अशोक गहलोत की उम्मीदवारी कमजोर पड़ती जा रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एम मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम अध्यक्ष पद के लिए अब तेजी से आगे बढ़ रहा है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से उन्हें कोई गुरेज नहीं है। हालांकि चर्चा है कि हाईकमान इस मुद्दे पर भाजपा को फायदा उठाने से रोकने के लिए पार्टी के अंदर ही समझौता कराकर हल कराना चाहती है। काफी कुछ सचिन पायलट की सोनिया गांधी से मुलाकात पर भी निर्भर है।
उनके एक करीबी सूत्र ने बुधवार को यह बात कही। पूर्व केंद्रीय मंत्री और नेहरू-गांधी परिवार के भरोसेमंद खड़गे का नाम 17 अक्टूबर को होने वाले एआईसीसी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिये चर्चा में है। इस चुनाव के लिये नामांकन प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी। राज्यसभा में नेता विपक्ष के एक करीबी सहयोगी ने कहा, “खड़गे ने सोनिया गांधी को बताया है कि पार्टी जो भी फैसला लेगी, वह उसका पालन करेंगे।”