Ashok Gehlot vs Sachin Pilot: राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच छिड़ी रार फिर से तेज हो सकती है। दरअसल अशोक गहलोत ने सचिन पायलट खेमे के विधायकों पर आरोप लगाया कि भाजपा कार्यालय से पायलट समर्थक विधायकों को 10 करोड़ रुपये मिले थे। गहलोत ने कहा कि मेरे पास इस बात के सबूत भी हैं।
मालूम हो कि राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे के बीच रस्साकशी अक्सर देखने को मिलती है। वहीं गुरुवार(24 नवंबर) को सीएम अशोक गहलोत ने एनडीटीवी से बात करते हुए आरोप लगाया कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए पायलट खेमे के विधायकों ने भाजपा से 10 करोड़ रुपये लिए थे।
Rajasthan News: गद्दार को स्वीकार नहीं कर सकते लोग:
गहलोत से सवाल किया गया कि अगर पार्टी हाईकमान सचिन पायलट को सीएम बनाना चाहे तो? इसपर उन्होंने यह भी कहा, “सचिन पायलट को सीएम के तौर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। जिस शख्स ने बगावत की हो, जिसके पास 10 भी विधायकों का समर्थन न हो और जिसको गद्दार का नाम दिया गया हो, उसे कैसे स्वीकार कर सकते हैं लोग।”
BJP दफ्तर से पैसे उठाए गए:
अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा दफ्तर से पैसे उठाए गए हैं, मेरे पास इसका सबूत भी है। वहीं राजस्थान में हाल ही में राजनीतिक संकट देखने को मिला था, इसपर अशोक गहलोत ने कहा कि मैं कांग्रेस आलाकमान से माफी मांगता हूं, जो कुछ भी हुआ वो नहीं होना चाहिए था। इसकी नैतिक जिम्मेदारी मेरी थी। वहीं राज्य में किसी तरह के बदलाव की संभावना पर गहलोत ने कहा कि हाईकमान से राजस्थान में बदलाव के संकेत फिलहाल अभी नहीं हैं।
Sachin Pilot vs Ashok Gehlot: पायलट को माफी मांगनी चाहिए:
गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट को 2020 में किए गए अपने बगावत के लिए माफी मांगनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, ऐसे में उन्हें राजस्थान कांग्रेस के विधायक सीएम पद पर स्वीकार नहीं कर सकते। 71 वर्षीय अशोक गहलोत ने कहा कि अगर सचिन पायलट ने राजस्थान के विधायकों से माफी मांगी होती और तो बात अलग होती।
वहीं पायलट के विद्रोह पर राजस्थान सीएम ने कहा कि अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान भी घटनाक्रम में शामिल थे। इन लोगों ने दिल्ली में एक बैठक की थी।