सत्ता में आने के बाद से ही गहलोत सरकार वसुंधरा राजे के कार्यकाल में लिए गए फैसलों को पलटने में लगी हुई है। इसी कड़ी में राजस्थान सरकार ने टूरिज्म विभाग के पुराने स्लोगन ‘पधारो म्हारे देश’ को दोबारा लागू करने का निर्देश दिया। इसके साथ स्लोगन में राजस्थान – द इनक्रेडिबल स्टेट ऑफ इंडिया लाइन जरूर जोड़ी गई है। राज्य पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि पधारो म्हारे देस राजस्थान का पारंपरिक स्लोगन है। वह प्रदेश की परंपरा और संस्कृति को दर्शाता है। ऐसे में ‘जाने क्या दिख जाए’ स्लोगन का कोई तुक नहीं बनता। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने नया स्लोगन सिर्फ विज्ञापन फर्म को खुश करने के लिए जारी किया और काफी रकम भी खर्च की।’’
लगातार पुराने फैसले पलट रही सरकार : टूरिज्म विभाग के स्लोगन से पहले राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने अटल सेवा केंद्र का नाम बदला था। पार्टी ने इसका नाम पहले की तरह राजीव गांधी सेवा केंद्र कर दिया। वहीं, पीआरआई (पंचायती राज संस्थाओं) चुनावों से शिक्षा पात्रता को हटाने और मेयर पद के प्रत्यक्ष चुनाव कराने का फैसला भी लिया जा चुका है। इस संबंध में सरकार ने विधानसभा में एक विधेयक भी पेश किया है।
कांग्रेस ने बताई स्लोगन बदलने की वजह : पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘राजस्थान आने वाले विदेशी पर्यटक यहां की संस्कृति से जुड़ाव महसूस कर सकें, इसके लिए पर्यटन विभाग ऐसे स्लोगन की मांग कर रहा था, जो अंग्रेजी और हिंदी से मिलकर बना हो। ऐसे में पुराने स्लोगन को नई टैगलाइन के साथ जारी किया गया।’’ सिंह ने दावा किया कि हमारी पर्यटन नीति 20 दिनों में तैयार हो जाएगी। इसमें पर्यटकों को मिलने वाली सुविधाओं, सेवाओं आदि पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
पुराने स्लोगन को असफल बता रही कांग्रेस : पर्यटन मंत्री ने कहा, संपत्तियों की पहचान के लिए बनी आरटीडीसी के अधिकारियों और कर्मचारी संघ के सदस्यों एक संयुक्त समिति को अपग्रेड करने की जरूरत है। राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के कर्मचारी संघ के अध्यक्ष तेज सिंह राठौड़ ने कहा, “यह अच्छा निर्णय है, क्योंकि ‘पधारो म्हारे देश’ ने अपनी पहचान बनाई है। वहीं, ‘जाने क्या दिख जाए’ पर्यटकों और सेक्टर में लोगों के बीच अपनी पहचान बनाने में असफल रहा।’’
बीजेपी ने कही यह बात : बीजेपी के प्रवक्ता मुकेश पारिक ने कहा, ‘‘टूरिज्म विभाग के स्लोगन को बदलना कांग्रेस की सोच है। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है। किसी स्लोगन का नाम बदलने से विकास नहीं होगा, बल्कि सरकार को पर्यटन के क्षेत्र पर ध्यान भी देना होगा।”