Rajasthan Government Crisis Today Latest News Live Updates: राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ ही कांग्रेस में विलय करने वाले बसपा के 6 विधायकों को नोटिस जारी किया है। अदालत ने इस नोटिस पर संबंधित पक्षों से 11 अगस्त तक जवाब मांगा है। इससे पहले हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक मदन दिलावर एवं बसपा के अधिवक्ताओं से पूछा था कि उनकी याचिकाओं पर सुनवाई क्यों की जाए? इस मामले में बसपा की तरफ से कहा गया कि बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है। ऐसे में राज्य स्तर पर विलय नही किया जा सकता। इसके लिए राष्ट्रीय पार्टी की ओर से स्वीकृति नही जरूरी है। चूंकि विलय को पार्टी की ओर से मंजूरी नही दी है इसलिए विलय पूरी तरह से अमान्य है।
राजस्थान में विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर राजभवन व सरकार के बीच जारी गतिरोध अब सुलझा लिया गया है। सरकार के संशोधित प्रस्ताव पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र 14 अगस्त से बुलाने को मंजूरी दे दी। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पूरा ध्यान विधायकों की बाड़ेबंदी को और अधिक मजबूत करना सदन में बहुमत साबित करने पर है।
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बताया जाता है कि बैठक में सीएम गहलोत ने अन्य रणनीतियों पर भी चर्चा की। दरअसल विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले रक्षा बंधन भी। इधर राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को वारंट भेज दिया है। अब 14 अगस्त से सत्र का नोटिफिकेशन विधानसभा से जारी कर दिया जाएगा।
इसी सिलसिले में उन्होंने गुरुवार (30 जुलाई, 2020) को फेयरमोंट होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई। गहलोत गुट के विधायक इस होटल में ठहरे हुए हैं। कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में सीएम गहलोत ने विधायकों से कहा कि उन्हें 14 अगस्त तक फेयरमोंट होटल (जयपुर) में रहना होगा। हालांकि मंत्री अपने काम को पूरा करने के लिए सचिवालय का दौरा कर सकते हैं। बैठक में मौजूद सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को ये जानकारी दी है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि कल रात से जब से विधानसभा सत्र बुलाने की तिथि 14 अगस्त निर्धारित हुई है, तब से राज्य में खरीद-फरोख्त का ‘रेट’ बढ़ गया है। गहलोत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘कल रात से जब से विधानसभा सत्र बुलाने की घोषणा हुई है, राजस्थान में खरीद-फरोख्त (विधायकों की) का ‘रेट’ बढ़ गया है। इससे पहले पहली किश्त 10 करोड़ और दूसरी किश्त 15 करोड़ रुपये थी। अब यह असीमित हो गई है। सब लोग जानते हैं कौन लोग खरीद-फरोख्त कर रहे हैं।’’
कांग्रेस विधायक दल की बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान देश की राजनीति का टर्निंग प्वाइंट बन सकता है। उन्होंने इस काम में मीडिया के सहयोग की मांग की। उन्होंने कहा कि मीडिया भेदभाव की रिपोर्टिंग छोड़कर लोकतंत्र को बचाने में सहयोग करे।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने एक आदेश जारी कर 15वीं राजस्थान विधानसभा का पांचवां सत्र शुक्रवार 14 अगस्त को प्रातः 11 बजे आहूत किया है। राजस्थान विधानसभा सचिवालय के अनुसार इस बारे में सचिव प्रमिल कुमार माथुर द्वारा राजस्थान राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कराई गयी है।
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार का समर्थन करने वाले कांग्रेस विधायक और अन्य विधायक विधानसभा सत्र तक एक साथ ही रहेंगे। कांग्रेस विधायक दल की बृहस्पतिवार को यहां हुई बैठक में यह फैसला किया गया। इस अवसर पर मौजूद सभी विधायकों ने एकजुटता दोहराई। यह बैठक जयपुर के बाहर उस होटल में हुई जहां कांग्रेस और उसके समर्थक विधायक कई दिन से रुके हुए हैं। मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि विधायक अभी 14 अगस्त तक एक साथ रहेंगे।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने विधानसभा के अध्यक्ष और सचिव, और बसपा के 6 विधायकों को कांग्रेस पार्टी के साथ राज्य में विलय के संबंध में नोटिस जारी किया। कोर्ट ने उन्हें 11 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
राजस्थान सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें एक बार बढ़ती हुई नजर आ रही है। दरअसल गुरुवार को राजस्थान हाई कोर्ट ने बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय होने के मामले में विधायकों और विधानसभा स्पीकर को नोटिस जारी किया है।
दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को पार्टी के राज्यसभा सदस्यों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए बैठक की जिसमें वर्तमान राजनीतिक हालात और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक सोनिया की अगुवाई में हुई इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश और कई अन्य राज्यसभा सदस्य मौजूद थे। माना जा रहा है कि इस बैठक में कोरोना महामारी से संबंधित हालात, राजस्थान के राजनीतिक संकट की पृष्ठभूमि में मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति, लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 40 है, जबकि लोकसभा में पार्टी के सांसदों की संख्या 52 है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे देश के लिए अनर्थकारी साबित हुई हैं। गहलोत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक ट्वीट को ''रिट्वीट'' करते हुए लिखा है, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की गलत नीतियां देश के लिए विनाशकारी साबित हुई हैं। जैसा कि राहुल गांधी ने रेखांकित किया है कि चाहे वह नोटबंदी हो, जीएसटी का कार्यान्वयन हो या कोरोना वायरस के दौरान कुप्रबंधन या गिरती अर्थव्यवस्था...रोजगार छीनने से चारों तरफ अंधेरा है। दस करोड़ रोजगार छीनने का भय भयावह है।''इससे पहले राहुल गांधी ने कोरोना वायरस के कारण दस करोड़ नौकरियां खतरे में पड़ने वाले समाचार को शेयर करते हुए लिखा, ‘‘मोदी देश को बर्बाद कर रहे हैं।''’
राजस्थान में गुरुवार को कोरोना के 365 नए पॉजिटिव केस सामने आए। नए मामलों के साथ राज्य में संक्रमितों की संख्या 40145 हो गई है। इसमें से 28 385 कोविड मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। राज्य में कोविड पीड़ित 663 लोगों की मौत हो चुकी है।
राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में गिरफ्तार संजय जैन की आवाज का नमूना लिया जाएगा। एसआईटी 31 जुलाई को संजय जैन का वॉयस सैंपल लेगी। इसके लिए कोर्ट से इजाजत मिल गई है। टेप में कथित बातचीत के मुताबिक संजय जैन ने ही विधायक भंवरलाल शर्मा से अपने मोबाइल से कॉन्फ्रेंस पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से बात करवाई थी, जिसमें पैसे के लेनदेन की बात थी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बृहस्पतिवार को पार्टी के राज्यसभा सदस्यों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये बैठक की जिसमें वर्तमान राजनीतिक हालात और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक सोनिया की अगुवाई में हुई इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश और कई अन्य राज्यसभा सदस्य मौजूद थे। माना जा रहा है कि इस बैठक में कोरोना महामारी से संबंधित हालात, राजस्थान के राजनीतिक संकट की पृष्ठभूमि में मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति, लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। गौरतलब है कि राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 40 है, जबकि लोकसभा में पार्टी के सांसदों की संख्या 52 है।
सरकार चाहती थी कि राज्यपाल 31 जुलाई से सत्र आहूत करें। सरकार की ओर से तीन बार इसकी पत्रावली राजभवन को भेजी जा चुकी थी जो वहां से कुछ बिंदुओं के साथ लौटा दी जाती थी। राजभवन द्वारा प्रस्ताव लौटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री गहलोत बुधवार दोपहर राजभवन में राज्यपाल से मिले। राजभवन के सूत्रों ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया लेकिन इससे पहले गहलोत ने कांग्रेस के एक कार्यक्रम में कहा कि ‘‘वह राज्यपाल महोदय से जानना चाहेंगे कि वे चाहते क्या हैं... ताकि हम उसी ढंग से काम करें।’’राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने भी बुधवार शाम राज्यपाल मिश्र से मुलाकात की। आधिकारिक रूप से इसे भी शिष्टाचार भेंट बताया गया।
इससे पहले अशोक गहलोत ने कहा कि जिन्होंने पार्टी को धोखा दिया है वह हाईकमान से माफी मांग ले। हाईकमान जो फैसला करेगी वह हमें मंजूर होगा लेकिन हम चाहते हैं वह जनता के विश्वास को नहीं तोड़े। राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात से पहले विधानसभा सत्र बुलाने के लिए गवर्नर की आपत्तियों वाली चिट्ठी पर अशोक गहलोत ने कहा था कि प्रेम पत्र तो पहले ही आ चुका है, अब मिलकर पूछूंगा कि क्या चाहते हैं? 21 दिन के नोटिस की राज्यपाल की शर्त को लेकर बोले के कि 21 दिन हों या 31 दिन, जीत हमारी होगी। 70 साल में पहली बार किसी गवर्नर ने इस तरह के सवाल किए हैं। आप समझ सकते हैं कि देश किधर जा रहा है?