राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच राज्य की पूर्व गवर्नर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मार्ग्रेट अल्वा ने राजनीतिक समाधान का फार्मूला सुझाया है। उन्होंने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दोनों नेताओं (अशोक गहलोत और सचिन पायलट) को एक प्याली चाय पिलाने के लिए 10 जनपथ बुला लें तो दोनों के बीच की सियासी कड़वाहट दूर हो सकती है। साथ ही राजस्थान का सियासी संकट भी खत्म हो सकता है।
अंग्रेजी समाचार चैनल इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए अल्वा ने कहा कि सोनिया अपने सरकारी आवास पर दोनों नेताओं को बुलाकर विवाद का समाधान कर सकती हैं। उन्होंने सचिन पायलट को कांग्रेस का एक जुझारू और उभरता हुआ युवा सितारा बताया है। उन्होंने कहा कि कांगेस के अंदर कोई नहीं चाहता कि वो पार्टी छोड़कर जाएं। उन्होंने कहा, “ये युवा नेता उस टीम में शामिल होने वाले थे जिसे राहुल गांधी बना रहे थे। पार्टी के निर्णय प्रक्रिया में हाईकमान को युवा नेताओं को भी समायोजित करने के तरीके खोजने होंगे।”
इधर, सीएम अशोक गहलोत समेत कई कांग्रेस नेताओं ने राज्य के राज्यपाल कलराज मिश्र पर बीजेपी और केंद्र सरकार के दबाव में काम करने के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी राज्य में चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना चाहती है और राज्यपाल राज्य के मुख्यमंत्री के अनुरोध को अनसुना कर रहे हैं।
सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को गवर्नर से मुलाकात की थी और राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी ताकि वो मौजूदा संकट में फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित कर सकें। लेकिन राज्यपाल ने उचित प्रक्रिया नहीं अपनाने का हवाला देते हुए उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था। इसके बाद गहलोत ने शनिवार को पार्टी विधायक दल और कैबिनेट की मीटिंग बुलाकर विधानसभा का सत्र बुलाने का प्रस्ताव पास कराया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा है कि यदि आवश्यक हुआ तो कांग्रेस के विधायक राष्ट्रपति से मिलेंगे और राज्य में संकट के निपटारे के लिए प्रधानमंत्री के घर के बाहर धरना भी देंगे। कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की एक बैठक में, गहलोत ने कहा कि वो फ्लोर टेस्ट इसलिए कराना चाहते हैं ताकि बहुमत साबित कर यह संदेश दिया जा सके कि कांग्रेस के अधिकांश विधायक और सहयोगी दल लिए टस से मस नहीं होने वाले हैं।