NHRC Notice to Rajasthan Government: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गुरुवार (27 अक्टूबर, 2022) को राजस्थान सरकार को नोटिस दिया है। यह नोटिस राजस्थान के कई जिलों में 8-18 वर्ष की आयु की लड़कियों को स्टांप पेपर पर कथित रूप से बेचने और उसके इनकार के परिणामस्वरूप राज्य में जाति पंचायतों के फरमान पर विवादों को निपटाने के लिए उनकी मां के साथ दुष्कर्म को लेकर दिया गया है। आयोग ने सरकार से चार सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है। वहीं भीलवाड़ा की घटना को लेकर राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने डीएम और एसपी को नोटिस जारी किया है।
आयोग ने कहा कि उसने इस संबंध में एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया था कि जब भी दोनों पक्षों के बीच विशेष रूप से वित्तीय लेनदेन और ऋण आदि को लेकर कोई विवाद होता है, तो पैसे की वसूली के लिए 8-18 वर्ष की आयु की लड़कियों की नीलामी की जाती है। इन लड़कियों को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, मुंबई, दिल्ली और यहां तक कि विदेशों में भेजा जा रहा है और उन्हें शारीरिक शोषण, प्रताड़ना और यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया जा रहा है।
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनावाल ने कहा कि हम भीलवाड़ा की घटना की निंदा करते हैं, तुरंत स्वत: संज्ञान लिया। भीलवाड़ा के डीएम व एसपी को तीन दिन में विस्तृत रिपोर्ट देने का नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं खुद मौके का निरीक्षण करने जाऊंगी।
NHRC ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों ने ऐसे अपराधों के कई पीड़ितों की परीक्षा का दस्तावेजीकरण किया है, यह कहते हुए कि यदि यह सच है तो यह उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है। राष्ट्रीय अधिकार आयोग ने कहा कि राजस्थान के मुख्य सचिव को एक नोटिस जारी कर इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही ऐसे मामलों को लेकर अब तक क्या कार्रवाई की गई इसकी भी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। साथ ही ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या उपाय किए गए और यदि नहीं किए गए तो क्यों।
आयोग ने कहा कि रिपोर्ट में यह भी शामिल होना चाहिए कि कैसे राज्य सरकार संवैधानिक प्रावधानों या पंचायती राज कानून के अनुसार ग्राम पंचायत के कार्यों को सुनिश्चित कर रही है, ताकि मानव अधिकारों और लड़कियों और महिलाओं के सम्मान के अधिकार को प्रभावित करने वाली जाति आधारित व्यवस्था को खत्म किया जा सके।
आयोग ने पुलिस महानिदेशक से मांगी विस्तृत रिपोर्ट
आयोग ने राजस्थान के पुलिस महानिदेशक को भी इस तरह के अपराध के अपराधियों और उनके उकसाने वालों / सहानुभूति रखने वालों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा शुरू करने का उल्लेख करते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इसमें ऐसी घटनाओं में प्राथमिकी दर्ज करने, आरोप पत्र, गिरफ्तारी, यदि कोई हो, और राज्य में देह व्यापार के ऐसे व्यवस्थित अपराधों में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए शुरू की गई व्यवस्था सहित मामलों की स्थिति भी शामिल होनी चाहिए।