राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर से विवाद गहराने लगा है। इसके साथ ही फेरबदल के संकेत भी मिल रहे हैं। गहलोत सरकार के तीन मंत्रियों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर इस्तीफे की पेशकश की है।
इस्तीफा भेज चुके मंत्रियों ने संगठन में काम करने की इच्छा जताई है। इसी के साथ राजस्थान मंत्रिमंडल में अगले दो-तीन दिनों में फेरबदल की अटकलें लगाई जाने लगी है। इस्तीफा देने वाले राजस्थान के तीन मंत्रियों में गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी और रघु शर्मा के नाम शामिल हैं।
हरीश चौधरी को पिछले महीने पंजाब का कांग्रेस प्रभारी नियुक्त किया गया है। राजस्थान के मंत्री रहते हुए अपनी नई भूमिका के बारे में बात करते हुए, हरीश चौधरी ने बताया था कि उनका शुरू से ही “एक व्यक्ति, एक पद” में विश्वास है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अपने विचारों से पार्टी नेतृत्व को अवगत कराएंगे और इस संबंध में उनके निर्णय का पालन करेंगे।
वहीं गोविंद सिंह डोटासरा के पास मंत्री पद के साथ-साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की भी कुर्सी है। डोटासरा को सचिन पायलट के विद्रोह के बाद प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। वहीं रघु शर्मा को हाल ही में गुजरात कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया है।
इस बीच राजस्थान में कैबिनेट फेरबदल और संगठन में फेरबदल की अटकलों के बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की। सचिन पायलट की बैठक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलने के एक दिन बाद हुई और दोनों नेताओं ने राजनीतिक स्थिति के साथ-साथ राज्य में कैबिनेट फेरबदल पर चर्चा की।
इससे पहले राहुल गांधी के आवास पर हुई एक बैठक में कैबिनेट फेरबदल की बात कही गई थी। इस बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, राजस्थान की सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रभारी अजय माकन और पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल शामिल हुए थे। तभी गहलोत से कैबिनेट विस्तार के लिए कह दिया गया था। इस बार के विस्तार में पायलट ग्रुप को भी प्रमुखता मिलने की बात कही जा रही है।