राजस्थान कांग्रेस में जारी विवाद को लेकर बुधवार को राहुल गांधी के आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में गहलोत को जल्द से जल्द कैबिनेट विस्तार करने के लिए कहा गया है।
माटिंग में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन के साथ-साथ केसी वेणुगोपाल भी शामिल हुए। इस मीटिंग में राज्य मंत्रिमंडल में सचिन पायलट के समर्थकों को शामिल करने के लंबे समय से लंबित मुद्दे पर चर्चा की गई। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान चाहता है कि फेरबदल तुरंत हो और पायलट के समर्थकों को इसमें शामिल किया जाए। सूत्रों ने कहा कि आज की चर्चा में राज्य में कैबिनेट फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियां शामिल हैं। ये मुद्दे करीब एक साल से लंबित हैं।
बताया जा रहा कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में जारी विवाद को जल्द से जल्द हल करना चाहती है। ताकि आगे की रणनीतियों पर काम किया जा सके। इसके लिए खुद प्रियंका गांधी ने अब कमान संभाल ली है। मीटिंग के बाद माकन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजस्थान की पॉलिटिकल सिचुएशन को लेकर चर्चा हुई। काफी कन्फ्यूजन दूर हुआ है। मंत्रिमंडल विस्तार भी हो सकता है जल्द हो जाए।
बता दें कि सचिन पायलट ही पिछले विधानसभा चुनाव के समय मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। लेकिन 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के बाद उन्हें राहुल गांधी ने डिप्टी सीएम बनने के लिए राजी कर लिया था। जिसके बाद अशोक गहलोत को सीएम बनाया गया था। तभी से दोनों नेताओं के बीच विवाद जारी है।
पिछले साल मामला उस समय बढ़ गया जब सचिन पायलट ने अपने गुट के 18 विधायकों के साथ विद्रोह कर दिया। अटकलें लगी कि वो ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह ही पाला बदलकर बीजेपी के पास जा सकते हैं। हालांकि पायलट के पास उस समय उतने विधायक नहीं थे कि वो भाजपा की सरकार बनवा सकें। इसके अलावा कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का उन पर वापस लौटने का दवाब भी था। जिसके बाद पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ वापस राज्य में लौटे और गहलोत को अपना समर्थन दे दिया। तब राहुल और प्रियंका ने ही ये विवाद सुलझाया था। इसी घटनाक्रम के बाद से राजस्थान में कैबिनेट फेरबदल का कार्यक्रम अटका हुआ है।