Raja Pateria News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित बयान देने वाले कांग्रेस पार्टी के नेता राजा पटेरिया जेल से बाहर आ गए हैं। जेल से बाहर आने के बाद भी राजा पटेरिया अपनी ‘लड़ाई’ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हालांकि उनका कहना है कि इस घटना से उन्हें एक सबक मिला है। जेल से बाहर आने के बाद राजा पटेरिया ने अपने परिवार के सदस्यों और शुभचिंतकों को चेताया है कि वे ऐसा कुछ भी न करें कि जिससे उन्हें संकट का सामना करना पड़े।
राजा पटेरिया को पिछले साल 13 दिसंबर को उनकी एक वीडियो वायरल होने के बाद गिरफ्तार किया गया था। वीडियो मध्य प्रदेश के पवई की एक मीटिंग कहा था। इस वीडियो में पटेरिया को कह रहे हैं, “मोदी इलेक्शन खत्म कर देगा। मोदी धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर बांट देगा। दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों का भावी जीवन खतरे में है। संविधान अगर बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो। हत्या इन द सेंस हराने का काम… कार्यकर्ता की उपेक्षा, नेता की उपेक्षा होती है। नेता द्वारा कार्यकर्ता की उपेक्षा होती है तो विपरीत परिणाम आते हैं।”
एमपी कांग्रेस के नेता राजा पटेरिया को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर 4 मार्च को जमानत पर रिहा किया गया था। एमपी हाईकोर्ट में पुलिस ने जब कहा कि उन्होंने अपनी जांच पूरी कर ली है और चार्जशीट फाइल कर है, इसके बाद उन्हें जमानत दी गई। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत से उन्होंने कहा, “ज्यूडिशरी के लिए मेरे मन में अत्यंत सम्मान है। मैं कानून का दुरुपयोग करने और मुझे जेल भेजने के लिए बीजेपी द्वारा चलाई जा रही राज्य सरकार को दोषी ठहराता हूं।”
उनके अनुसार, बीजेपी उन्हें सिर्फ इसलिए शांत करवाना चाहती है क्योंकि वो महात्मा गांधी और बाबासाबेह अंबेडकर के सिद्धांतों का पालन करते हैं। उन्होंने कहा, “मैं कॉस्ट सिस्टम के खिलाफ हूं। लेकिन बीजेपी गोडसे, सावरकर और गोलवलकर के सिद्धांतों का पालन करती है। मैंने अपने संविधान की रक्षा करने और देश में आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने के इरादे से बात की थी।”
पटेरिया ने आगे कहा कि शिवराज सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों का नेतृत्व करने से बीजेपी सरकार उनसे और ज्यादा नाराज हो गई। उन्होंने मुझे डराने देने के लिए जेल में डाल दिया क्योंकि मैं उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले नेताओं में से एक था। अनुसूचित जातियों और अल्पसंख्यकों के बीच मेरा गढ़ है।
बीजेपी पर हमला बोलते हुए पटेरिया कहते हैं कि ‘मेरी जैसे कई गिरफ्तारियों के उदाहरण हैं’। उन्होंने कहा, “मैं पूछना चाहता हूं कि बीजेपी नेताओं को अपने भाषणों में खुले तौर पर हिंदू राष्ट्र के बारे में बात करने के लिए कभी गिरफ्तार क्यों नहीं किया जाता है। क्या यह असंवैधानिक नहीं है? वे धर्म का दुरुपयोग करते हैं और साधुओं से विवादित बयान दिलवाते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।”
इन धाराओं में दर्ज किया गया मुकदमा
कांग्रेस नेता पटेरिया को हाता स्थित उनके आवास से गिरफ्तार करने के बाद पन्ना जिले में मौजूद पवई जेल में रखा गया। उनके खिलाफ दर्ज IPC की धारा 451, धारा 504, धारा 505, धारा 506, धारा 115 और धारा 117 के तहत FIR दर्ज की गई है। पटेरिया मामले में उपस्थित होने वाले पूर्व एडवोकेट जनरल शशांक शेखर ने बताया, “इस मामले में लगाई गईं धाराएं मेरे मुवक्किल पर बिल्कुल भी लागू नहीं होती हैं। एक व्यक्ति को उसके द्वारा किए गए अपराध के लिए कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए। लोकतंत्र में सबसे बड़ी चीज व्यक्ति की आजादी है। अगर किसी व्यक्ति ने कुछ नहीं किया और उसे 80 दिन तक जेल में रखा गया तो अब समय आ गया है कि हम सब इस पर विचार करें। यह व्यवहार लोकतंत्र पर एक बड़ा सवालिया निशान है।”
सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट जनरल और एमपी से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तनखा कहते है कि राजा पटेरिया एक पूर्व समाजवादी नेता हैं। वह अहिंसा में विश्वास रखते हैं। पहले वो लोहिया को मानते थे और अब वो नेहरू को मानते हैं। हो सकता है कि अपने भाषण के दौरान उन्होंने एक वाक्य गलत बोल दिया हो, यह एक क्षणिक बात थी, लेकिन उनका इरादा कुछ भी हिंसक कहने का नहीं था। जिस तरह से उन्हें दो महीने तक जेल में रखा गया वह लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है। उन्होंने कहा, “मैं संसद के साथ-साथ न्यायपालिका का भी हिस्सा हूं और जो हुआ उसका मुझे अफसोस है।”
जेल में राजा पटेरिया ने क्या किया?
दो महीने से ज्यादा समय तक राजा पटेरिया ने जेल में क्या किया, इस सवाल पर वह कहते हैं कि उन्होंने दिनचर्या का पालन किया। जल्दी उठना, अपने दिन वॉक करने में बिताना और शशि थरूर की ‘व्हाई आई एम ए हिंदू’ जैसी किताबें और अरुंधति रॉय की एक किताब पढ़ना।
उन्होंने बताया, “किसी अन्य कैदी की तरफ, मैंने झाड़ू पोछा किया और जो खाना दिया गया, वह खाया। मैं डायबिटिक हूं और कभी-कभी मेरा शुगर लेवल अचानक कम हो जाता था। लेकिन जेल प्रशासन ने इस पर ध्यान दिया और मुझे चॉकलेट दी और हमेशा समय पर खाना दिया” बेल पर बाहर आने के बाद पटेरिया कहते हैं कि वह लकी लोगों में से एक हैं। उन्होंने कहा, “मैं अन्य कैदियों के लिए बुरा फील करता हूं। उनमें से कई लोगों को गलत तरीके से फंसाया गया। मैं उनकी मदद करना चाहता हूं और जेल में सुधार के लिए काम करना चाहता हूं।”