मोदी सरनेम मामले में शुक्रवार को राहुल गांधी एक बार फिर से सूरत की एक कोर्ट में बयान दर्ज कराने पहुंचे। कांग्रेस नेता की यह तीसरी बार इस केस में पेशी हुई है।

अदालत ने 26 अक्टूबर को गांधी को अपना बयान दर्ज करने के लिए, 29 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे के बीच पेश होने का निर्देश दिया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष दोपहर में सूरत हवाईअड्डे पर उतरे। जिसके बाद शहर के अठवालिंस इलाके में स्थित कोर्ट के लिए रवाना हो गए। जहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ए एन दवे के सामने राहुल गांधी ने अपना बयान दर्ज कराया। इस मामले में दो नए गवाहों की गवाही ली गई थी, जिसके बाद राहुल गांधी को कोर्ट ने तलब किया था। कांग्रेस नेता आखिरी बार इस साल 24 जून को अदालत में पेश हुए थे।

इन दो गवाहियों में से एक कर्नाटक में कोलार के तत्कालीन चुनाव अधिकारी शामिल हैं, जहां कांग्रेस नेता ने ये विवादास्पद टिप्पणी की थी। इनके अलावा एक वीडियोग्राफर ने भी अपनी गवाही दी है, जिसे चुनाव आयोग ने उनका भाषण रिकॉर्ड करने के लिए नियुक्त किया था।

इससे पहले, राहुल गांधी अक्टूबर 2019 में अदालत में पेश हुए थे और इस टिप्पणी के लिए दोषी नहीं ठहराने का अनुरोध किया था। सूरत के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने अप्रैल 2019 में गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी।

अपनी शिकायत में, विधायक ने आरोप लगाया था कि गांधी ने 2019 में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को यह कहकर बदनाम कर दिया था कि “सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है?” पूर्णेश मोदी अब नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार में मंत्री हैं, इनके पास सड़क और भवन, परिवहन, नागरिक उड्डयन और पर्यटन के साथ-साथ तीर्थ विकास विभाग भी है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले 13 अप्रैल, 2019 को कोलार में रैली में अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कथित तौर पर पूछा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी। उन सभी का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है।