राहुल गांधी रायबरेली में भीड़ द्वारा मारे गए दलित हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मिलने के लिए शुक्रवार को कानपुर से उसके पैतृक आवास फतेहपुर पहुंचे। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। हरिओम की रायबरेली जिले के ऊंचाहार क्षेत्र में ड्रोन चोर के शक में एक और दो अक्टूबर की दरम्यानी रात भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। बाद में मारपीट और उसके शव के वीडियो ऑनलाइन सामने आए, जिससे व्यापक आक्रोश फैल गया।

मुलाकात के बाद, लोकसभा नेता ने कहा, “आज सुबह सरकार ने परिवार को मुझसे न मिलने की धमकी दी। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि पीड़ित परिवार मुझसे मिलता है या नहीं लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि ये लोग अपराधी नहीं हैं। उन्होंने कोई गलती नहीं की है। मैंने मृतक के परिवार से मुलाकात की और उनकी बात सुनी। कांग्रेस पार्टी और मैं परिवार को हर संभव मदद प्रदान करने की पूरी कोशिश करेंगे। देश में जहां भी दलितों के खिलाफ अत्याचार होगा, कांग्रेस वहां होगी और हम हर संभव मदद प्रदान करेंगे और न्याय के लिए लड़ेंगे।”

राहुल गांधी कहते हैं, “कुछ दिन पहले एक दलित अधिकारी ने आत्महत्या कर ली। मैं वहां गया था और आज यहां आया हूं। परिवार ने कोई अपराध नहीं किया। उनके ख़िलाफ़ अपराध हुआ है और ऐसा लगता है जैसे वे ही अपराधी हैं। उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। उन्हें धमकाया जा रहा है। वे बस न्याय मांग रहे हैं। हमारे बेटे की हत्या कर दी गई। हत्या का वीडियो रिकॉर्ड हो गया है। हम न्याय मांग रहे हैं।”

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देश में दलितों पर अत्याचार, हत्याएं और बलात्कार हो रहे- राहुल गांधी

राहुल ने आगे कहा, “वहां एक लड़की है जिसका ऑपरेशन होना है लेकिन वह नहीं हो पा रहा है क्योंकि सरकार ने उन्हें अंदर बंद कर रखा है। पूरे देश में दलितों पर अत्याचार, हत्याएं और बलात्कार हो रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि उन्हें न्याय मिलना चाहिए। उनका सम्मान होना चाहिए। अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें बचाना नहीं चाहिए।”

राहुल के दौरे से पहले उनके विरोध में कुछ पोस्टर में भी लगे देखे गये। कांग्रेस के शहर अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ गुड्डा ने बताया कि पीड़ित के घर के रास्ते और गली में कथित तौर पर “दर्द को मत भुनाओ, वापस जाओ” लिखे पोस्टर देखे गए। इसके पहले उत्तर प्रदेश के मंत्री राकेश सचान और समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने हरिओम के पिता गंगादीन से मुलाकात की और उन्हें 6.62 लाख रुपये के चेक सौंपे। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार की प्राथमिकता न केवल सहायता प्रदान करना, बल्कि न्याय सुनिश्चित करना है।

पीड़ित परिवार ने लखनऊ में 11 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी, जहां योगी ने उन्हें न्याय दिलाने और भरपूर मदद का भरोसा दिया। कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी गत सोमवार को परिवार से निजी तौर पर मुलाकात की थी और एकजुटता व्यक्त की थी। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी फतेहपुर में शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की थी।

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