Himachal Congress Chief on Generation Gap: आलाकमान द्वारा उपेक्षा का आरोप लगाकर कांग्रेस के कई नेता पार्टी से किनारा कर चुके हैं। कुछ सीनियर नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद गांधी परिवार पर भी सवाल उठाए हैं। गुलाम नबी आजाद ने भी इस्तीफा देने के बाद राहुल गांधी पर निशाना साधा था। वहीं, अब हिमाचल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को महत्व और समय नहीं देते हैं, यही वजह है कि पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ रहा है।
न्यूज वेबसाइट द प्रिंट को दिए गए एक इंटरव्यू में प्रतिभा सिंह ने कहा कि “राहुल गांधी को अभी राजनीतिक दांव-पेंच और कांग्रेस में जनरेशन गैप को कैसे दूर किया जाए ये सीखने की जरूरत है”। हिमाचल कांग्रेस प्रमुख का बयान ऐसे समय में आया हैं जब 17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव होना है और इसको लेकर कई राज्य इकाइयों ने राहुल गांधी के पक्ष में प्रस्ताव पारित किया है। क्या राहुल गांधी को एक बार फिर से कांग्रेस की कमान संभालनी चाहिए? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “यह राहुल जी पर निर्भर है कि वह पार्टी को समय देना चाहते हैं, या जीवन में अन्य काम करना चाहते हैं। यह उन्हें तय करना है। अगर वह समय नहीं देना चाहते हैं, तो पार्टी में कई नेता और दिग्गज हैं जो कांग्रेस अध्यक्ष की जगह को भर सकते हैं।”
वरिष्ठ नेताओं की बात सुनें युवा नेताः प्रतिभा सिंह
सिंह के मुताबिक, कांग्रेस में वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि उनकी बातों और शिकायतों को ध्यान दिया जाए लेकिन युवा वर्ग के नेता ऐसे नेताओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। नेतृत्व परिवर्तन के बीच हुए जनरेशन गैप को इंदिरा जी, राजीव जी और सोनिया जी ने अपने समय में अपने तरीकों से दूर किया था लेकिन नई पीढ़ी में इस खाई को पाटने के लिए धैर्य और परिपक्वता नहीं है। राहुल गांधी चौथी बार लोकसभा सांसद चुने गए हैं उन्हें इस सियासी दांव-पेंच को सीखना चाहिए। अगर उन्होंने पार्टी नेताओं को समय दिया होता और उनकी बात सुनी होती तो आज कांग्रेस काफी बेहतर स्थिति में होती।
कांग्रेस के जनरेशन गैप पर बोलीं प्रतिभा सिंह
प्रतिभा सिंह ने पिछले महीने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बारे में बताते हुए अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के रुख के बारे में बताया, “आज के बच्चे उतने समय नहीं देते हैं तो निरशा होती है। आज की पीढ़ी वरिष्ठों को सुनने के लिए ज्यादा समय नहीं देती है यह निराशाजनक है। आजाद जी जैसे कई लोगों ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने इतने लंबे समय तक पार्टी की सेवा की … उन्होंने एक इंटरव्यू में खुले तौर पर कहा कि ‘मेरी बात नहीं सुनी जाती, इंतजार करना पड़ता है। मेरे वकील को पार्टी में नहीं लिया जाता है, मुझे बोलने के लिए इंतजार करना होगा।”
गुलाम नबी आजाद के मामले में स्थिति बेहतर हो सकती थीः प्रतिभा
प्रतिभा सिंह ने आगे कहा, “नई पीढ़ी को लगता है कि अब नेतृत्व करने का हमारा समय है। जब मैंने गुलाम नबी आजाद प्रकरण को देखा तब मुझे महसूस हुआ कि उन्होंने कांग्रेस से अलग होने के बारे में बात की। वह काफी समय से पार्टी से नाराज थे। लेकिन अगर आपने (युवा नेताओं ने) उन्हें फोन किया होता और कहा होता कि ‘आओ और मामले को सुलझाओ’, तो स्थिति बेहतर हो सकती थी।”
आनंद शर्मा और आजाद कांग्रेस के नाराज जी-23 समूह से
वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के बारे में प्रतिभा सिंह ने कहा, “आनंद शर्मा ने भी महसूस किया होगा कि ‘मैं 30-40 के लिए कांग्रेस के लिए काम करने वाला एक ऐसा वरिष्ठ नेता हूं। वर्षों’। वो यूपीए सरकार में वाणिज्य मंत्री थे, लेकिन उन्हें पार्टी से वो सम्मान नहीं मिला। इसलिए, उन्होंने इस्तीफा देकर अपनी नाराजगी व्यक्त की।” आनंद शर्मा और गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के जी-23 या असंतुष्टों के समूह में से थे, जो संगठन में बदलाव और इसके नेतृत्व में सुधार की मांग करते रहे हैं।