Nitish Minister on PFI Ban: बुधवार (28सितंबर) को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई सहित 8 संगठनों पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर सियासी बयान बाजियां जारी हैं। कुछ लोगों ने पहले इस फैसले के खिलाफ बयान दिया लेकिन बाद में उन्ही नेताओं को समर्थन में भी बयान देते हुए देखा गया। इनमें से एक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्री भी शामिल हैं। जनता दल यूनाइटेड के नेता और बिहार की नीतीश कुमार सरकार में मंत्री जमा खान भी उन्हीं नेताओं में से एक हैं जो पीएफआई बैन पर बयान के बाद अपने बयान से पलटी मार चुके हैं।
बिहार के अल्पसंख्यक मंत्री जमा खान ने पीएफआई को लेकर जो बयान दिया था अब वो उससे पलटी मार गए हैं। आइए आपको बताते हैं कि मंत्री ने पहले क्या बयान दिया था। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने PFI पर बैन लगाए जाने के बाद केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था,’अगर किसी संगठन को बंद करना है और ऐसा लगता है कि उसमें गड़बड़ी है तो वो जांच का विषय है, जांच करने के बाद ऐसा फैसला लें। जहां उनकी सरकार नहीं होती है वहां ईडी, सीबीआई और आई सहित तमाम जांच एजेंसियां छोड़ दीं जाती हैं।’
जनता 2024 में देगी जवाब
उन्होंने आगे इसी बयान में कहा,’ संगठन गलत नहीं हो सकता है उसमें लोग गलत हो सकते हैं। किसी को जाति धर्म के नाम पर टार्गेट बनाकर कार्रवाई कीजिएगा तो उसको दुख होगा, बजरंग दल भी है, आरएसएस भी है हमने तो नहीं कहा बंद करने के लिए लेकिन उसमें भी कहीं न कहीं गड़बड़ लोग हैं। फिलहाल अभी देश की चाबी आपके हाथ में है आप जो चाहे कर सकते हैं लेकिन जनता जवाब देगी इनको 2024 में।’
बयान से पलटे मंत्री जमा खान
इस बयान के बाद अल्पसंख्यक मंत्री ने अगले बयान में पीएफआई पर बैन को लेकर इस बयान से पलटी मारते हुए ठीक इसके उलट बयान दिया है। उन्होंने इस बयान में कहा, ‘इस देश को हमारे बड़े बुजुर्गों ने जिसमें सभी धर्मों के लोग शामिल थे मिलकर आजाद करवाया सबकी इस आजादी में अहम भूमिक रही थी। जहां तक संगठन का सवाल है अगर कोई संगठन गलत कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’
PFI बैन को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने की मोदी सरकार की तारीफ
वहीं पीएफआई बैन को लेकर मुसलमानों के कई धर्मगुरू और मौलानाओं ने भारत की नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले की सराहना करते हुए उनकी तारीफ की है। मौलाना शहाबुद्दीन रिज़वी, मौलाना सैफ अब्बास नकवी और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के जिला संयोजक राव मुशर्रफ ने भी मोदी सरकार के फैसले का स्वागत किया है। इन धर्मगुरुओं के मुताबिक केंद्र सरकार के ये फैसला देशहित के लिए बहुत ही बेहतरीन है और ये फैसला लेना बहुत जरूरी भी हो गया था। मुस्लिम धर्मगुरुओं का कहना है कि इसे और पहले ही लगा दिया जाना चाहिए था।