पंजाब के संगरूर लोकसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस खास किस्म की दुश्वारियों में उलझी है क्योंकि उसके चार पूर्व मंत्री तो भ्रष्टाचार में फंसे हैं, जबकि चार अन्य नेता चंद रोज पहले ही पार्टी का हाथ झटककर भाजपा में चले गए। जहां एक ओर आम आदमी पार्टी- ‘आप’ ने संगरूर में अपने नौ मंत्रियों को प्रचार में झोंक दिया है, तो दूसरी ओर कांग्रेस अपने बचे-खुचे नेताओं को कथित भ्रष्टाचार के मामलों में फंसने से बचाकर रखने के साथ-साथ उन्हें भाजपा का शिकार हो जाने से रोकने जैसी अति कठिन कवायद में उलझी है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में सामाजिक न्याय एवं वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को कुछ दिन पहले ही खैर के पेड़ों की अवैध कटाई के बदले कथित घूसखोरी के आरोप में पकड़े जाने के बाद आज सोमवार 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया जबकि उसके ही एक अन्य पूर्व मंत्री संगत सिंह गिलजियां को भी इसी प्राथमिकी के तहत नामजद किया गया है। तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा और भारत भूषण आशू- जो पीपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, के खिलाफ दो अलग-अलग मामलों में जांच जारी है। पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू तो पहले ही रोड-रेज मामले में एक साल की सश्रम कैद की सजा पटियाला के केंद्रीय कारावास में काट रहे हैं।
रविवार को ही पंजाब के सतर्कता ब्यूरो- वीबी ने लुधियाना सतर्कता विभाग में एसएसपी को अनाज उठान में श्रम आबंटन और परिवहन निविदा आबंटन में 2,000 करोड़ रुपए की कथित अनियमितताओं की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। यह जांच तब शुरू हुई जब श्रमिकों और परिवहन के छोटे ठेकेदारों ने इस संदर्भ में अपनी शिकायत वीबी को सौंपी। भारत भूषण आशू ने तो आज अग्रिम जमानत पाने और गिरफ्तारी की सूरत में एक सप्ताह का समय मांगने के लिए सोमवार हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया।
इससे पहले शनिवार को पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि उनके पूर्ववर्ती मंत्री एवं कांग्रेस नेता तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा ने उस समय आचार संहिता लागू होने के बावजूद जीटी रोड पर गांव भगतपुरा की शामलात जमीन बेचने की जानकारी देने के लिए अमृतसर में प्रेस वार्ता बुलाई थी। धालीवाल का कहना है कि उन्होंने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
उनका कहना है कि गांव में शामलात रास्ते और जल धाराएं वहां साथ सटी 150 एकड़ जमीन पर बसी कालोनी के लिए सिरदर्द बनी थीं। बाजवा की वहां कालोनाइजर के साथ कथित सांठगांठ थी और उन्होंने गांव के रास्ते और सभी जल धाराएं मात्र 43 लाख प्रति एकड़ में उसके हाथों बेच दीं जबकि उनका बाजार भाव 7.5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ का है। बाजवा का कहना है कि यह सब संगरूर लोकसभा उपचुनाव के लिए ही किया धरा काम है। उनके शब्दों उपचुनाव की घोषणा हुई है तब से कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों को फंसाया जा रहा है।’
उधर, सत्तारूढ़ ‘आप’ की ओर से अपने उम्मीदवार गुरमेल सिंह के चुनाव प्रचार के लिए अपने छह मंत्रियों का जिम्मा लगा दिया गया है जहां विधानसभा हलका संगरूर में ब्रह्म शंकर जिंपा, विधानसभा हलका धूरी में कुलदीप सिंह धालीवाल, विधानसभा हलका बरनाला में गुरमीत सिंह मीत हायर, विधानसभा हलका दिड़बा में हरपाल सिंह चीमा, विधानसभा हलका मलेरकोटला में हरभजन सिंह, विधानसभा हलका भदौड़ में डा. बलजीत कौर और विधानसभा हलका लहरा में लालजीत सिंह भुल्लर को चुनाव प्रचार का जिम्मा सौंपा गया है।