चंडीगढ़ नगर निकाय चुनावों (Chandigarh Nagar Nigam Election) का रिजल्ट बड़े उलटफेर से भरा रहा। पहली बार नगर निगम चुनाव के मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। इन चुनावों में आप के प्रत्याशियों ने कद्दावर चेहरों तक को चौंका दिया। निकाय चुनावों में सबसे बड़ा उलटफेर वार्ड नंबर 17 में देखने को मिला, जहां आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार दमनप्रीत सिंह ने भाजपा के मेयर रविकांत शर्मा को पटखनी दे दी। दिलचस्प बात है कि दमनप्रीत खुद ढाबा चलाते थे। वहीं, इन चुनावों के नतीजे इसलिए भी चौंकाने वाले थे, क्योंकि इस बार ढाबे वाले दमनप्रीत के अलावा गृहिणी व शिक्षक जैसे पेशे से जुड़े प्रत्याशियों ने भी बड़े और पुराने नेताओं को धूल चटा दी।
ढाबे वाले ने दी भाजपा के मेयर को पटखनी: आम आदमी पार्टी प्रत्याशी दमनप्रीत सिंह (Damanpreet Singh) छोटा सा ढाबा चलाते थे। उन्होंने वार्ड नंबर 17 से चंडीगढ़ के मौजूदा मेयर रविकांत शर्मा को 828 वोटों के अंतर से हराया। जैसे ही दमनप्रीत की जीत का ऐलान हुआ, उनकी पत्नी ने अपनी नवजात बच्ची के साथ उनका स्वागत किया। दमनप्रीत कहते हैं कि दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार के ईमानदार रवैए के चलते ही उन्हें यह जीत हासिल हुई है, क्योंकि नगर निगम में बढ़ते भ्रष्टाचार से जनता तंग आ चुकी है। मैं खुश हूँ कि मेरे वार्ड के लोगों और भगवान ने मुझे जनता की सेवा का यह मौका दिया है।
दमनप्रीत ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि, वह ‘सरदार जी दा ढाबा’ नाम से चंडीगढ़ में एक छोटा सा ढाबा चलाते थे। इसे उन्हें बंद करना पड़ा, क्योंकि उन्हें भाजपा शासित नगर निगम द्वारा परेशान किया जा रहा था। दमनप्रीत कहते हैं कि उन्हें हर बार बिना वजह परेशान किया गया। कई बार नगर निगम के मेडिकल ऑफिसर ऑफ़ हेल्थ (MOH) से मेरे खिलाफ चालान जारी कर दिया जाता था तो कभी किसी दूसरे विभाग वाले तंग करते थे। इसी कारणवश मैंने अपना ढाबा बंद कर दिया और सिस्टम से लड़ने का फैसला किया।
इन गृहणियों ने भी चुनावों में मारी बाजी: इन नगर निगम के चुनावों में कई हाउसवाइफ ने भी बाजी मारी है। कांग्रेस के सिटिंग काउंसलर रविंदर गुजराल और भाजपा नेता की बेटी नेहा अरोड़ा को आप की प्रेमलता ने पटखनी दे दी, जो कि पेशे से गृहिणी हैं। प्रेमलता के अलावा वार्ड नंबर 18 से आम आदमी पार्टी की तरुण मेहता ने भाजपा की सिटिंग काउंसलर सुनीता धवन को हरा दिया। तरुणा कहती हैं कि, ‘मुझे बहुत ख़ुशी है कि लोगों ने मुझे चुना है। हमें बताया गया था कि चुनाव कैसे लड़ना है। यह पहली बार है जब हमने चुनाव लड़ा है और लोगों ने भी भ्रष्टाचार मुक्त नगर निगम का विकल्प चुना है।
इन चुनावों ने दिलाई दिल्ली विधानसभा चुनावों की याद: इस बार चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव नतीजों ने साल 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों की याद दिला दी। गौरतलब है कि इन विधानसभा चुनावों में भी कई लो प्रोफाइल प्रत्याशियों और अनजान चेहरों ने बड़े दिग्गजों को मात दे दी थी। मौजूदा मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल तक ने लगातार तीन बार सत्ता पर काबिज शीला दीक्षित को नई दिल्ली सीट पर शिकस्त दे दी थी।
