हरियाणा में 9वीं के सिलेबस को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। दरअसल सरकार ने 9वीं के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है और अब 9वीं के बच्चों को सावरकर के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। वहीं राज्य की विपक्षी पार्टियों ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है। जबकि शिक्षा मंत्री ने साफ कर दिया कि अब बच्चे महात्मा गांधी के साथ-साथ वीर सावरकर को भी पढ़ेंगे। पिछले हफ्ते राज्य के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने इतिहास के नए पाठ्यक्रम की पुस्तिका को जारी किया था।
पाठ्यक्रम को लेकर जारी विवाद पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इस पर सफाई दी। शिक्षा मंत्री ने कहा, “वीर सावरकर को पहले भी पढ़ाया जा रहा था। मेरा स्टैंड यह है कि वीर सावरकर द्वारा किए गए बलिदान और देश के लिए उनके संघर्ष अभूतपूर्व थे। उनका एक दर्शन था और उन्होंने चीजों को अपने तरीके से किया।”
शिक्षा मंत्री ने वीर सावरकर की तारीफ भी की। उन्होंने कहा, “मैं पाठ्यक्रम में सावरकर को जोड़ने के पक्ष में हूं। वीर सावरकर जी ने देश के लिए जो बलिदान दिया वो बेमिसाल है। इतिहास को आप सुगर कोटेड नहीं बना सकते। उसमें जो कड़वी बातें हैं उसे भी कहा जाना चाहिए। कांग्रेस को बहुत सारे श्रेय मिल रहे हैं तो वहां कुछ गलतियां भी हुई हैं, उसका भी जिक्र किया जाएगा।”
वहीं शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने बिना नाम लिए कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि केवल गांधी जी के विचारों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “कुछ लोग सोचते हैं कि केवल गांधी जी का दर्शन ही प्रबल होना चाहिए, यह उनकी सोच हो सकती है। राष्ट्र के लिए लड़ने वालों की अलग-अलग विचारधाराएं थीं। लेकिन सभी ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। यह एक व्यक्तित्व को दूसरे से कम नहीं बनाता है। वे सभी समान रूप से महान थे।”
हरियाणा में छठी से लेकर 10वीं तक के इतिहास की किताबों के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। नए पाठ्यक्रम में विदेशी आक्रमण के बारे में एक भेज दिया गया है जबकि महापुरुषों के बारे में भी 1 पेज दिया गया है। वहीं सरकार ने प्रदेश के महापुरुषों को भी अधिक जगह दी है ताकि हरियाणा के बच्चे हरियाणा के बारे में जानें।