तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के दौरान खुद को किसान हितैषी बताने वाली आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सत्ता में आते ही किसानों पर ही एक्शन लेना शुरू कर दिया। अमृतसर में कपास की खराब हो चुकी फसल के लिए मान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे किसानों ने सुनवाई नहीं होने पर लंबी में नायब तहसीलदार को उनके कार्यालय में ही बंधक बना लिया था।
सोमवार आधी रात को पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज करके नायब तहसीलदार अरजिंदर सिंह और उनके स्टाफ को मुक्त कराया। लाठीचार्ज में आंदोलनकारी किसानों का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के छह किसान घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। किसानों को बंधक बनाने से नाराज पूरे प्रदेश के तहसीलदार हड़ताल पर चले गए हैं। आंदोलनकारी किसान भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। अपनी मांगों को लेकर वे तहसील दफ्तर के बाहर ही डेरा जमा लिए हैं।
लाठीचार्ज में घायल किसानों में हरपाल सिंह किल्लियांवाली, निशान सिंह कख्खांवाली, जगदीप सिंह खुड्डियां, दविंदर सिंह मानावाला, एमपी सिंह भुल्लरवाला, गुरलाभ सिंह कख्खांवाली, काला सिंह खुन्नण खुर्द आदि शामिल हैं। किसानों की बंधक से छूटे पटवारियों ने देर रात नेशनल हाईवे पर धरना देकर प्रदर्शन किया।
किसानों पर कार्रवाई की मांग को लेकर जिले के सभी SDM व तहसील दफ्तरों के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी है। राज्य के तहसीलदार और नायब तहसीलदार भी गांव बादल स्थित गेस्ट हाउस में इकट्ठा हुए और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है।
किसानों का आरोप है कि गुलाबी सुंडी से खराब हुई नरमा की फसल के मुआवजे के मामले में मुक्तसर जिले को नजरअंदाज किया गया है। मुक्तसर जिले में अधिकतर नरमा की खेती लंबी ब्लॉक में ही होती है। गिरदावरी में लंबी ब्लॉक के केवल छह गांवों को ही शामिल किया गया और उन्हें भी अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया, अन्य करीब 30 गांवों को गिरदावरी में शामिल ही नहीं किया गया।
पंजाब में हाल ही में भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार ने सत्ता संभाली है। पिछले साल तीन कृषि कानूनों को लेकर कई किसान संगठनों ने दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय तक आंदोलन किया था। आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही पंजाब में किसानों पर लाठीचार्ज की यह पहली घटना है।