पंजाब में राजनीतिक कटुता एक बार फिर से सतह पर आ गई है। दरअसल, केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत पठानकोट को सीधे देश की रजधानी दिल्ली से जोड़ा गया है। छोटे-छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ने के लिए उड़ान योजना शुरू की गई है। पठानकोट भी इस योजना के दायरे में आ गया है। इसके तहत गुरुवार (6 अप्रैल) को पहला विमान नई दिल्ली से पठानकोट पहुंचा था। पठानकोट से नई दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले विमान को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह फ्लैग ऑफ करने वाले थे। इसके लिए वह आधा घंटा पहले ही एयरपोर्ट पहुंच गए थे। इसी दौरान दिल्ली से पठानकोट पहुंचे विमान की लैंडिंग हुई। उससे भाजपा के राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक, विजय सांपला समेत कई नेता उतरे थे। यह देख सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह फ्लाइट को फ्लैग ऑफ किए बिना ही एयरपोर्ट के लाउंज से ही वापस लौट गए थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस विमान से भाजपा नेताओं के अलावा कांग्रेस के सुनील जाखड़ भी आए थे। बताया जाता है कि कैप्टन ने इस दौरान नई दिल्ली से पठानकोट पहुंचे यात्रियों से बातचीत की थी। सीएम के यूं अचानक जाने के बाद सभी नेताओं ने फ्लाइट के आगमन का स्वागत किया, केक काटा और फ्लाइट का फ्लैग ऑफ भी किया।
पठानकोट में हवाई अड्डे के पीछे कैप्टन को मानती है कांग्रेस: पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस पठानकोट में एयरपोर्ट बनाने में कैप्टन अमरिंदर सिंह की भूमिका को महत्वपूर्ण मानती है। पार्टी ने इस बात का भरपूर प्रचार-प्रसार भी किया है। भाजपा के श्वेत मलिक ने इसे खारिज किया है। उनका कहना है कि कांग्रेसी विधायक केंद्र सरकार की योजनाओं का झूठा क्रेडिट लेना चाहते हैं। उनके अनुसार, सवा एक साल में कांग्रस सरकार ने पंजाब के लिए कुछ नहीं किया और यदि किया हो तो उसका लेखाजोखा दे। गौरतलब है कि उड़ान योजना के तहत अलायंस एयर (एयर इंडिया का सहयोगी उपक्रम) दिल्ली और पठानकोट के बीच सेवा दे रही है। इसका किराया 2,570 रुपये रखा गया है। इस रूट पर तीन दिन सोमवार, मंगलवार और गुरुवार को हवाई सेवा उपलब्ध रहेगी। बताया जा रहा है कि फ्लाइट एआई 835 दिल्ली से सुबह 9:55 पर चलेगी और सुबह 11:30 पर पठानकोट पहुंचेगी, जबकि वापसी की फ्लाइट 11:50 बजे सुबह चलेगी और दिल्ली 1:45 बजे दोपहर पहुंचेगी। पठानकोट 21वां शहर है जिसे उड़ान योजना के तहत दिल्ली से जोड़ा गया है। इस योजना में अलायंस एयर टायर-2 और टायर-3 शहरों में सेवा देती है।