हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी अब मथुरा जनपद में कहर ढ़ाने लगा है। यमुना का पानी यमुना किनारे के गांवों में फसलों को बरबाद करने के बाद अब वृन्दावन की निचली कालोनियों में जनजीवन को प्रभावित करने लगा है। इस पर जिले के प्रभारी आपदा बचाव एवं राहत अधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ब्रजेश कुमार ने बताया, ‘जिलाधिकारी के निर्देशानुसार उपरोक्त स्थानों पर बाढ़ राहत शिविर बनाए जाएंगे तथा शिविरों में शरण लेने वाले नागरिकों की जरूरत का हर सामान मुहैया कराया जाएगा।’

बाढ़ राहत शिविर का लिया गया जायजाः ब्रजेश कुमार ने बताया, ‘केशीघाट पर यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से पीएसी की एक प्लाटून फ्लड यूनिट तैनात की गई है। पीएसी के जवान लगातार यमुना में दो स्टीमरों से गश्त कर रहे हैं और श्रद्धालुओं को यमुना किनारे से दूर रहने की चेतावनी दे रहे हैं।’ इस स्थिति में राजस्व विभाग ने शहर में बाढ़ राहत शिविरों की स्थापना का कार्य शुरु कर दिया है। विभाग की टीम ने बुधवार (21 अगस्त) को बाढ़ राहत शिविर बनाने के लिए हजारी मल सोमानी नगर निगम इंटर कॉलेज, बालिका इंटर कॉलेज, लक्ष्मण शहीद स्मारक का जायजा भी लिया है।

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निवासियों को पहुंचाया गया सुरक्षित स्थानों परः प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ कालोनियों में बाढ़ के हालात बनने के बाद वहां के निवासियों ने सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना शुरु कर दिया है। बुधवार को यमुना का जलस्तर बढ़ने से केशीघाट की आठ सीढ़ियां जलमग्न हो गई। जानकारी के अनुसार वृन्दावन के श्याम कुटी क्षेत्र स्थित श्याम विहार कालोनी, यमुना विहार, कालीदह क्षेत्र स्थित कालिंदी विहार कालोनी में यमुना का पानी प्रवेश कर गया है। कालोनी में बनी कई गोशालाओं और मकानों में यमुना का पानी भर गया है।

लोगों का है यमुना पर कड़ी नजरः जानकारी के अनुसार कालिंदी विहार कालोनी के लोग बाढ़ से बचने के लिए अपने सामान व मवेशियों को लेकर सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं। बाढ़ के खतरे से घबराए लोग हर पल यमुना पर नजर रखे हुए हैं। श्याम विहार कालोनी निवासियों ने बताया कि यमुना में गिरने वाले गौरानगर के नाले का पानी अब उल्टे कालोनी में प्रवेश करने लगा है।

पंजाब और हरियाणा के कई इलाके जलमग्नः पंजाब और हरियाणा में सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि और कई गांव अब भी जलमग्न हैं। पिछले दो दिनों से दोनों राज्यों में बारिश नहीं होने से बुधवार (21 अगस्त) को अधिकारियों को बचाव अभियान चलाने में मदद मिली है। बता दें कि पंजाब के जालंधर जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों में सेना के हेलीकॉप्टरों से खाने के पैकेट गिराए गए। वे गांव सतलुज नदी का तटबंध टूटने के कारण जलमग्न हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पश्चिमी कमान की वज्र कोर से सेना की 16 टीमों ने जालंधर, कपूरथला और नवांशहर जिलों में बचाव अभियान चलाया और सतलुज नदी के बांध को ठीक करने में मदद भी की है।

पानी के छोड़ने से आसपास के इलाके जलमग्न हुएः हाल ही में हुई बारिश और भाखड़ा बांध, सतलुज और उसकी सहायक नदियों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण लुधियाना, जालंधर, फिरोजपुर और रूपनगर के गांवों में पानी भर गया था। इससे निचले इलाकों में फसलों और घरों को भी नुकसान पहुंचा है। बता दें कि पंजाब और हरियाणा में पिछले दो दिनों से बारिश नहीं होने से नदियों में पानी घटने लगा है, लेकिन सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि और कई गांव अब भी जलमग्न हैं।

राज्य सरकार ने की केंद्र से बाढ़ राहत पैकेज की मांगः पंजाब सरकार ने राज्य में हाल में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए विशेष बाढ़ राहत पैकेज के रूप में बुधवार को केंद्र से 1,000 करोड़ रुपए की मांग की। वहीं कई स्थानों पर, स्वयंसेवी संगठनों और धार्मिक संस्थाओं ने बाढ़ से तबाह लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए लंगर का आयोजन भी किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित गांवों में हालात सामान्य होने तक सेना की मदद से खाने के पैकेट गिराए जाएंगे।

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हरियाणा के कई जिलों में हाई अलर्टः पड़ोसी राज्य हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल, पानीपत और सोनीपत में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी में जलस्तर बढ़ गया था जिसके बाद करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल जैसे जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया था।