मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड के निर्माण के विरोध में आंदोलन हो रहा है। लोग सरकार द्वारा लिए गए फैसले को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। शिवसेना लगातार सरकार के फैसले का विरोध कर रही है। पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे भी आरे कारशेड को लेकर विरोध जता चुके हैं। वहीं, रविवार को आदित्य ठाकरे भी इस आंदोलन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सरकार की हम पर जो नाराजगी है, जो गुस्सा है, वो मुंबई और मुंबई के लोगों पर न उतारे।

आदित्य ठाकरे ने कहा कि एकनाथ शिंदे जब हमारे साथ थे तब आरे जंगल को बचाने के लिए महा आघाड़ी सरकार के साथ खड़े थे। लेकिन अब पता नहीं सरकार बदलते ही आरे जंगल को काटने का फैसला क्यों लिया गया। उन्होंने कहा कि आरे जंगल में 25-50 फीसदी ऐसा कोई काम नहीं हुआ है। आदित्य ने कहा कि शिवसेना ही नहीं, मानवता को मानने वाले हर व्यक्ति को इसे बचाने के लिए आगे आने की जरूरत है।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने कहा कि हम विकास के खिलाफ नहीं हैं लेकिन आरे जंगल की कीमत पर विकास नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने आरे को जंगल घोषित किया था और अब हम मुंबई के लिए लड़ रहे हैं। वहीं, उन्होंने शिवसेना में बगावत के मुद्दे पर भी बात की।

आदित्य ठाकरे ने दावा किया कि शिवसेना ने जिन पर भरोसा किया उनके विश्वासघात के बावजूद जमीनी कार्यकर्ता संगठन के साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग शिवसेना छोड़ना चाहते थे, वे चले गए, लेकिन जमीनी स्तर के शिवसैनिक उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के समर्थन में खड़े हैं।

बता दें कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के अधिकतर विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। पार्टी में बगावत के कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी जिसके बाद एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस बीच, उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले दोनों गुट लगातार शिवसेना पर अपना हक जता रहे हैं।