सरकार ने शुक्रवार को बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ के तहत अधिक से अधिक रक्षा उपकरणों का भारत में निर्माण किया जाना सरकार का मुख्य ध्येय है और मोदी शासन के पहले वर्ष में भारतीय विक्रेताओं को दिए गए आर्डर में 13 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। लोकसभा में फिरोज वरुण गांधी के पूरक प्रश्न के उत्तर में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि वर्ष 2012-13 के दौरान रक्षा उपकरणों की खरीद में वास्तविक व्यय 58,768 करोड़ रुपए रहा जिसमें भारतीय विक्रेताओं को 32,455 करोड़ रुपए (55.23 प्रतिशत) के आर्डर दिए जबकि विदेशी विक्रेताओं को 26,313 करोड़ रुपए (44.77 प्रतिशत) आर्डर दिए गए। वर्ष 2013-14 के दौरान रक्षा उपकरणों की खरीद में वास्तविक व्यय 66850 करोड़ रुपए रहा जिसमें भारतीय विक्रेताओं को 31768 करोड़ रुपए (47.53 प्रतिशत) के आर्डर दिए जबकि विदेशी विक्रेताओं को 35,082 करोड़ रुपए (52.47 प्रतिशत) आर्डर दिए गए।