Delhi Government School Students Achievements Made Proud: सफलता किसी की मोहताज नहीं होती। मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रदेश परीक्षा में उत्तीर्ण होकर दिल्ली के कई छात्रों ने इसे साबित कर दिया है। दिल्ली में सरकारी स्कूल के 28 छात्रों ने तो शीर्ष हजार में स्थान बनाया है। इन्होंने न केवल सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया। मसलन करण तनेजा, प्रेरित गौतम, कार्तिक, प्रिया मीना, मुकेश, अंजलि सहित इस सूची के कई नाम हैं, जिन पर परिवार व समाज को फक्र है। इनकी प्रतिभा के आगे गरीबी, माता या पिता की मौत, कोरोना संकट, पढ़ाई रुकने की चुनौती जैसी तमाम बाधाओं ने घुटने टेक दिए।

सरकारी स्कूल में पढ़कर, लाइब्रेरी और नेट के जरिए सामग्रियां जुटा उन्होंने नीट व जेईई पास की। दस साल की उम्र में माता पिता को खो देने वाले करण तनेजा उनमें से एक हैं। रोहिणी सेक्टर-17 स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास करने वाले करण तनेजा नीट की परीक्षा में 402 (जनरल-ईडब्लूएस) स्थान हासिल किया है। उन्होंने 10वीं सर्वाेदय विद्यालय पीतमपुरा में पढ़ाई की है। जब करण तनेजा मात्र 10 साल के थे, उस दौरान उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी। दुकान में काम कर 8 हजार रुपए कमाने वाले उसके बड़े भाई का सहारा था। करण ने लक्ष्य भेद डाला।

इसी स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास करने वाले प्रेरित गौतम ने नीट की परीक्षा में 405 (जनरल-ईडब्लूएस) स्थान हासिल की है। उनके पिता आटो रिक्शा चालक हैं। इतना ही नहीं पश्चिम विहार, ए 6-आरपीवीवी स्कूल की कार्तिक ने जेई की परीक्षा में 881 (एससी) स्थान हासिल किया है। उनके पिता एक जूता बनाने वाली एक कंपनी में मजदूर हैं।

निजी स्कूल से सरकारी स्कूल में आकर छात्रा ने पाई नीट में सफलता

निजी स्कूल की मनमानी से तंग आकर सरकारी स्कूल में दाखिला लेने वाली प्रिया मीना ने नीट की परीक्षा में 597 (एससी) स्थान हासिल किया है।तुगलकाबाद के रानी झांसी सर्वाेदय कन्या विद्यालय से 12वीं की परीक्षा पास करने वाली प्रिया मीना ने निजी स्कूल से सरकारी स्कूल में दाखिला लिया था।

इसी प्रकार आदर्श नगर स्थित जीबीएसएसएस-1के छात्र मुकेश कुमार ने नीट की परीक्षा में 504 (एससी) रैंक हासिल किया है। उनके पिता पेशे से पेंटर हैं। मुकेश का सपना सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना था, लेकिन वे एनडीए में फिजिकल परीक्षा को पास नहीं कर पाएं। लेकिन मेडिकल की प्रवेश परीक्षा उन्होंने पास कर ली।

बहुत गरीब परिवार से आते हैं नीट में सफल हुए बच्चे

इतिहास रच कर आर्थिक रूप से कमजोर और खास कर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का आदर्श (रोल माडल) बनने वालों की सूची लंबी है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 1141 बच्चों ने नीट और जेईई की परीक्षा में परचम लहराया है। इनमें 648 बच्चे नीट और 493 बच्चे जेईई में सफल हुए हैं। नीट में सफल हुए ये बच्चे बहुत गरीब परिवार से आते हैं और विषम परिस्थितियों में रहते हैं। इसमें 199 लड़के हैं और 449 लड़कियां हैं। लड़कियां पूरी तरह से बाजी मार गई हैं।

इसी तरह, जेईई में 493 बच्चे सफल हुए हैं। यहां 404 लड़के और 89 लड़किया सफल हुई हैं। इसमें लड़के बाजी मार ले गए हैं। बहरहाल इन सबने 26 लाख बच्चों में अपनी जगह बनाई है। क्योंकि आंकड़ों के मुताबिक हर साल करीब 9 लाख बच्चे जेईई और 17 लाख बच्चे नीट की परीक्षा देते है।