प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को होने वाली संकल्प रैली सपा-बसपा के साथ ही कांग्रेस के जातीय समीकरणों को गड़बड़ा सकती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री ने मेरठ से ही भाजपा के चुनाव प्रचार की शुरुआत करते हुए सपा, कांग्रेस, अखिलेश व मायावती पर निशाना साधते हुए उन्हें स्केम (घोटाला) करार दिया था। तब नरेंद्र मोदी की सभाओं से पैदा हवा पश्चिम से चलकर पूर्वांचल तक आंधी बन गई थी। यूपी में भाजपा ने लोकसभा की 80 सीटों में से 71 पर अपना परचम लहराया था। पहले चरण में जिन आठ लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है, उसके मद्देनजर गुरुवार को होने वाली प्रधानमंत्री की संकल्प रैली को भाजपा के लिए काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है।
रैली से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी मंगलवार की देर रात तक जिला प्रभारी क्षेत्रीय अध्यक्षों के साथ ही संगठन के कुछ चुनिंदा चेहरों के साथ मंथन कर जीत का रास्ता तलाशा। उन्होंने कहा कि प्रत्याशी कोई भी हो लेकिन कार्यकर्ताओं में यह संदेश जाए कि हर सीट पर चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही लड़ रहे हैं। उन्होंने यह कहा की यह चुनाव बूथ प्रबंधन से जीता जाएगा। प्रधानमंत्री की चुनावी सभा इस बार शताब्दी नगर की बजाए दिल्ली-देहरादून हाइवे स्थित टोल प्लाजा के पास रखी गई है। गुरुवार को जब प्रधानमंत्री संकल्प रैली में शंखनाद करेंगे तो उनकी आवाज मेरठ के साथ ही मुजफ्फरनगर व बागपत तक सुनी जा सकेगी।
भाजपा ने इन लोकसभा सीटों से साढ़े तीन लाख कार्यकर्ताओं को रैली में जुटाने का लक्ष्य तय किया है। मेरठ लोकसभा सीट पर दो बार से चुनाव जीत रहे राजेंद्र अग्रवाल को मैदान में उतारा है। इस बार उनका मुकाबला सपा-बसपा गठबंधन के हाजी याकूब कुरैशी से है। हालांकि यहां कांग्रेस ने हरेंद्र अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है। पहले चरण की आठ सीटों पर कहीं दलित-मुसलिम समीकरण तो कुछ पर जाट-दलित-मुसलिम समीकरण मजबूत माना जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री की संकल्प रैली में गठबंधन ही निशाना होगा। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से इस बार रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह जबकि भाजपा से फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान मैदान में हैं। उधर बागपत लोकसभा सीट पर भाजपा के सत्यपाल सिंह का मुकाबला अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी से होगा। पिछले चुनाव में सत्यपाल सिंह ने चौधरी अजित सिंह का गढ़ कही जाने वाली बागपत सीट पर उनको शिकस्त दी थी। कांग्रेस ने मुजफ्फरनगर व बागपत में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है।