उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में सड़क और स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। हमीरपुर जिले में एक 23 साल की गर्भवती महिला को कीचड़ और पानी से भरी कच्ची सड़क पर बैलगाड़ी में अस्पताल ले जाना पड़ा, क्योंकि कथित तौर पर एंबुलेंस उसके गांव तक नहीं पहुंच पाई। वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद लोगों ने सरकार की गांव-गांव सड़क और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के दावों पर सवाल उठाए हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर सरकार की आलोचना की है। यह घटना शनिवार को हमीरपुर के मौदहा प्रखंड के परसदवा डेरा गौ घाट छानी गांव में हुई, जहां गर्भवती रेशमा को प्रसव पीड़ा हुई थी। कीचड़ वाली जमीन की वजह से फंस जाने के बाद, उसके ससुर कृष्ण कुमार केवट उसे बैलगाड़ी पर लगभग सात किलोमीटर दूर सिसोलोर स्वास्थ्य केंद्र ले गए। दलदली और ऊबड़-खाबड़ रास्ते से गुजरने में लगभग तीन घंटे लगे।
सड़क के लिए पहले भी कई बार ग्रामीण कर चुके हैं मांग
चिकित्सकों ने परिवार को बताया कि प्रसव में अभी दो दिन बाकी हैं और शुरूआती इलाज के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। स्थानीय लोगों ने कहा कि इलाके के लगभग 500 लोगों को हर मानसून में ऐसी ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है क्योंकि कच्ची सड़क कीचड़ भरे दलदल में बदल जाती है, जिससे वे आस-पास के शहरों से अलग हो जाते हैं।
‘मैं हर माता का सम्मान करती हूं’, किसान आंदोलन में महिला पर टिप्पणी के लिए कंगना रनौत ने मांगी माफी
सामाजिक कार्यकर्ता अरुण निषाद ने कहा कि आपातकाल में हमारे पास मरीजों को अपने कंधों या बैलगाड़ियों पर ले जाने के अलावा कोई चारा नहीं होता है। ग्रामीणों ने मार्च 2024 में एक अच्छी सड़क की मांग को लेकर छह दिन तक विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि उस समय के उप जिलाधिकारी ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि लोकसभा चुनाव के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा, लेकिन एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कोई काम शुरू नहीं हुआ है।
गांव वालों ने दावा किया कि उन्होंने अब जिला प्रशासन, स्थानीय विधायक से दखल देने और उनके गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली पक्की सड़क बनवाने की अपील की है। इस मामले पर जवाब के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों से तुरंत संपर्क नहीं हो सका।
