प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) ने रविवार को इलाहाबाद हिंसा के आरोपी जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के घर पर बुलडोजर से कार्रवाई की। पुलिस का दावा है कि तोड़-फोड़ की कार्रवाई के दौरान जावेद मोहम्मद के घर से पोस्टर और झंडा मिला है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस घर के भीतर से पोस्टर और झंडा लेकर निकलती दिख रही है।
पोस्टर पर अंग्रेजी में लिखा है- When Injustice Becomes Law rebellion Becomes Duty. हिन्दी में इसका मतलब होगा – जब अन्याय कानून बन जाता है तो विद्रोह कर्तव्य बन जाता है। ये अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति और पॉलिटिकल फिलॉसफर थॉमस जेफरसन की पंक्ति ‘When Injustice Becomes Law Resistance Becomes Duty’ का थोड़ा बदला हुआ रूप है। हालांकि दोनों का संदेश एक ही है।
घर से निकला झंडा उस राजनीतिक दल का मालूम पड़ रहा, जिससे जावेद मोहम्मद जुड़े बताए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जावेद वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश महासचिव हैं। घर से निकले झंडे पर गेहूं की दो बालियों की तस्वीर नजर आ रही है। वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के चुनाव चिन्ह में भी यही दो बालियां चस्पा हैं।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण जब भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जावेद मोहम्मद के घर को तोड़ रही थी, तब उनके घर में परिवार का कोई सदस्य नहीं था। ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि घर से निकले झंडे और पोस्टर जावेद के नहीं हैं, बल्कि पुलिस उन्हें फंसाने के लिए ये सब खुद कर रही है। सोशल मीडिया पर आसिफ (@Asifkamaal9) नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा है, जब घर मे कोई है नहीं तो साबित कैसे होगा की ये सब रखा किसने। पुलिस भी रख देगी, कोई भरोसा नहीं है पुलिस पर। पुलिस नहीं फंसा सकती है क्या, जैसे आर्यन खान को फसाया गया।
बता दें कि पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी मामले में भाजपा से निलंबित की जा चुकी नूपुर शर्मा के खिलाफ शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जमकर हंगामा हुआ था। कई शहरों में हिंसा हुई लेकिन रांची और प्रयागराज ने सबसे अधिक सुर्खियां बटोरी। प्रयागराज पुलिस ने इस मामले में 90 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। इनमें से 68 को नैनी सेंट्रल जेल भी भेजा जा चुका है। यूपी पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता के रूप में 10 लोगों को चिन्हित किया है, जिसमें जावेद का नाम भी शामिल है। जावेद सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान भी सक्रिय थे।