Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान से ठीक पहले एनडीए सरकार ने महिलाओं के लिए एक खास योजना लॉन्च की थी। इसके तहत महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये दिए गए थे। इसको लेकर अब जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने हमला बोला और इस योजना को आधिकारिक रिश्वत बताया है।
एनडीए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में हालिया बढ़ोतरी का ज़िक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने दावा किया कि ये सबकुछ चुनाव से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि बीस सालों में वृद्धावस्था पेंशन में 10 रुपये भी नहीं बढ़े, यह 400 रुपये पर ही रही। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री रहे हैं, तेजस्वी यादव भी उनमें से तीन साल उप-मुख्यमंत्री रहे। अब यह अचानक 1,100 रुपये कैसे हो गया? ऐसा इसलिए है क्योंकि लोगों के पास अब एक विकल्प है। जन सुराज ने एक भी सीट नहीं जीती, लेकिन प्रतिस्पर्धा के डर से सरकार ने यह कदम उठाया है।
योजनाओं का जिक्र कर कहीं ये बातें
प्रशांत किशोर ने आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी, रसोइयों के बेहतर वेतन, “विकास मित्रों” को टैबलेट खरीदने के लिए पैसे और जीविका सदस्यों को दिए गए 10,000 रुपये के अन्य उदाहरण गिनाते हुए कहा कि ये वही आशा, जीविका और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं जिन्हें पटना की सड़कों पर पीटा गया था। अब अचानक सरकार उनका वेतन बढ़ा रही है और उन्हें पैसे दे रही है।
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योजना को बताया आधिकारिक रिश्वत
जन सुराज के संस्थापक ने आरोप लगाया कि यह 10,000 रुपये आधिकारिक तौर पर घोषित रिश्वत है। उन्होंने कहा कि सरकार इसके जरिए यह संदेश दे रही हैं कि उनके ही गठबंधन को वोट दिया जाए। इसीलिए आधिकारिक रिश्वत है। प्रशांत किशोर ने आगे जनता से कहा, “पैसे ले लो – मैंने हर जन सुराज रैली में यही कहा है, लेकिन समझ लो कि 10,000 रुपये से तुम्हारी ज़िंदगी नहीं सुधरेगी। असली बदलाव तो तुम्हारे बच्चों के लिए रोज़गार और शिक्षा से ही आएगा।”
‘आगे देनी पड़ेगी ज्यादा बड़ी रिश्वत’
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि यदि वे (जनता) अपना वोट 10,000 रुपये में बेचते हैं, तो भविष्य में सरकारी सेवाओं के लिए उनसे और भी बड़ी रिश्वत मांगी जा सकती है। पीके ने कहा कि मैं यहां किसी को हराने नहीं आया हूं। जन सुराज की लड़ाई नेताओं को जिताने या हराने की नहीं है, न ही मेरी किसी से कोई निजी दुश्मनी है। हम बस बिहार की जनता और बच्चों की जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं। नेता जीतेंगे या हारेंगे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि लोग अपना मतदान पैटर्न नहीं बदलते हैं तो लोगों के लिए कुछ भी नहीं बदलेगा। उन्होंने कहा कि चाहे तेजस्वी आएं या प्रशांत किशोर आएं आपकी जिंदगी नहीं सुधरेगी, अगर प्रशांत किशोर सत्ता में आ भी जाएं तो कुछ नहीं बदलेगा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि असली बदलाव तभी होगा जब आप अपने वोट देने के तरीके में बदलाव करेंगे, जब आप अपने बच्चों की शिक्षा के लिए, रोजगार के लिए और बाढ़ और कटाव के खिलाफ वोट करेंगे जो आपके जीवन को परेशान करते हैं।
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