Poonch Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार (20 अप्रैल,2023) को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सेना के पांच जवानों में पंजाब के लुधियाना जिले के चानकोइयां कलां गांव के हवलदार मनदीप सिंह (39) भी शामिल हैं। शहीद मनदीप सिंह के परिवार के बात करे तो उनके परिवार में उनकी मां बलविंदर कौर, पत्नी जगदीप कौर, बेटी खुशदीप कौर (11) और बेटा करणदीप सिंह (9) हैं। मनदीप के पिता स्वर्गीय रूप सिंह गांव के पूर्व सरपंच थे।
कितनी विधवाएं होंगी, कितनी माताएं अपने बेटे को खोएंगी: जगदीप कौर
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शहीद मनदीप सिंह की पत्नी जगदीप कौर कहती हैं, “उन्हें देश के लिए अपने पति के बलिदान पर गर्व है, लेकिन सीमाओं पर आतंकवादियों के हाथों सैनिकों की हत्याओं को रोकने की जरूरत है, लेकिन मैं सरकार से पूछना चाहती हूं कि और कितने? कब तक हम अपने जवानों को सरहद पर खोते रहेंगे? बातचीत से मामला क्यों नहीं सुलझता? मेरे जैसे और कितने लोग विधवा होंगे और कितनी और माताएं अपने बेटों को खो देंगी? मैं नहीं चाहती कि किसी और महिला के साथ ऐसा हो।
‘बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाना एक मात्र लक्ष्य’
जगदीप कहती हैं कि उनके पति मनदीप अपने बच्चों को सबसे अच्छी शिक्षा दिलवाना चाहते थे। अब वो इसको सुनिश्चित करेंगी कि उनका (पति) का सपना पूरा हो। वह (मनदीप) चाहते थे कि हमारे दोनों बच्चे सबसे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें। मैं सरकार से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करती हूं कि मेरे दोनों बच्चे, जिन्होंने अपने जीवन में बहुत जल्दी अपने पिता को खो दिया है, उन्हें सबसे अच्छी शिक्षा मिले।”
‘मनदीप के नाम पर बने एक सरकारी स्कूल और अस्पताल’
मनदीप ने घटना से कुछ घंटे पहले गुरुवार को अपनी पत्नी से आखिरी बार बात की थी और हमेशा की तरह अपने के बारे में उनका हाल जाना था, लेकिन कुछ ही घंटे बाद उनके परिवार को उनकी मौत की खबर मिली। शहीद मनदीप के चाचा जसवीर सिंह ने कहा कि ग्रामीण मनदीप के नाम पर एक सरकारी स्कूल और एक अस्पताल चाहते हैं। यही मनदीप के बलिदान की श्रद्धांजलि होगी।
जसवीर कहते हैं, ‘मनदीप न केवल जुनून के कारण बल्कि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए भी सेना में शामिल हुए थे। उसका छोटा भाई दिहाड़ी मजदूर है जिससे वो अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। उनके पास कोई कृषि भूमि नहीं है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि अब उनके बच्चों के भविष्य के बारे में सोचें और हर संभव मदद की कोशिश करें।”