आयोग ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर के सभी राज्यों में तीसरी श्रेणी व्यवस्था लागू करने के आदेश दिए हैं। इसके तहत जनता को कम से कम निजी वाहनों का प्रयोग करने, गाड़ियों में प्रयोग होने वाले फिलटर बदलने और निर्माण कार्यों पर रोक व धूल से संबंधित गतिविधियों से परहेज करने की सलाह दी गई है। यह फैसला एनसीआर के राज्यों से संबंधित उप समिति की बैठक में लिया गया है।

वायु गुणवत्ता आयोग के मुताबिक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया है कि दिल्ली के अंदर औसतन वायु गुणवत्ता का स्तर दिन में चार बजे 410 दर्ज किया गया है। इसकी सबसे प्रमुख वजह एकाएक तापमान में दर्ज, हवाओं की धीमी रफ्तार और प्रदूषण के अन्य कारक बताए गए हैं।मौसम वैज्ञानिकों के पुर्वानुमान में दावा किया जा रहा है कि आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब श्रेणी में पहुंचने की संभावना है।

इसलिए आयोग ने दिल्ली-एनसीआर के राज्यों में सख्ती बढ़ाने के आदेश दिए हैं। इससे पूर्व आयोग ने वायु गुणवत्ता स्तर में आए सुधार के बाद राज्यों को कई राहत दी थी। इस मामले में मंत्रालय का कहना है कि पूर्ण स्थिति पर संबंधित मामले की उप समिति निगरानी कर रही है और इस मामले में मौसम के पूर्वानुमान और अन्य कारणों का ध्यान में रखकर आगे की रणनीति को लागू किया जाएगा।

दिल्ली सरकार ने नहीं उठाया ठोस कदम : भाजप

नई दिल्ली : एक बार फिर दिल्ली की हवा जहरीली होने पर भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सिर्फ घोषणाएं कीं और जमीनी स्तर पर प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक भी ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने मामले में उपराज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि कनाट प्लेस में लगाई गई स्माग गन बंद पड़ी है और सफाई करने वाली मशीनें भी कारगर साबित नहीं हुई। पूरी दिल्ली में मुख्य सड़कें टूटी पड़ी हैं, इस वजह से पीएम 2.5 और पीएम10 का स्तर अधिक बढ़ गया है। इसके अलावा सावजनिक परिवहन में सुधार के लिए भी विफल रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 15 हजार बसों का वादा किया था, लेकिन डीटीसी के बेड़े में 3,760 बसें ही रह गई हैं।

वहीं, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि दिल्ली सरकार का खुद मानना है कि सर्दियों के समय में दिल्ली में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहन प्रदूषण है। 1.34 करोड़ वाहन आज दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे हैं और जब सरकार आई थी तब वाहनों की संख्या 90. 91 लाख थी। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था इतनी जर्जर हालत में है कि लोग खुद की गाड़ी खरीदने को मजबूर हैं।

दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को एक पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के द्वारा अपने विभिन्न श्रेणियों के अनुबंध कर्मियों को वेतन भुगतान न किए जाने पर विरोध किया है । उन्होंने मांग की है कि सरकार अविलंब वेतन बकाया भुगतान करे। उन्होंने बताया कि दिल्ली सकार गत दो-तीन माह से लगभग 15000 सिविल डिफेंस कर्मचारियों के साथ ही लगभग 4000 मोहल्ला क्लीनिक में अनुबंध पर काम कर रहे करीब सात हजार कर्मचारियों का भुगतान नहीं किया है। वहीं डीटीसी कर्मियों को हड़ताल की धमकी के बाद दिल्ली सरकार ने गत 16 दिसंबर को तीन माह के रुके वेतन का अंश दिया है पर डीटीसी के पेंशन भोगी गत 4 माह से पेंशन ना मिलने से परेशान है।