कानपुर के चौबेपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के अभियुक्त विकास दुबे को पुलिस ने शुक्रवार को एनकाउंटर में मार गिराया। पुलिस का कहना है कि कानपुर के भौती के पास पुलिस की कार अनियंत्रित होकर पलट गई, जिसके बाद विकास ने एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन कर भागने की कोशिश की। इसी दौरान पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने के लिए फायरिंग की, जिसमें विकास की मौत हो गई। अब इस पर राजनीतिक रस्साकशी भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी समेत कई अन्य नेताओं ने विकास के एनकाउंटर पर योगी सरकार का घेराव किया है।

सपा नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “दरअसल, ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है।” अखिलेश ने इशारों में ही साफ कर दिया कि विकास दुबे मामले में कई बड़े नेताओं के नाम का खुलासा हो सकता था, इसलिए उसका एनकाउंटर हुआ। गौरतलब है कि अखिलेश ने एक दिन पहले ही ट्वीट में कहा था कि विकास के मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड सार्वजनिक होनी चाहिए, जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।

दूसरी तरफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी विकास के एनकाउंटर के अनसुलझे पहलुओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि अपराधी का तो अंत हो गया, पर अपराध और उसको संरक्षण देने वाले लोगों का क्या? प्रियंका गांधी भी इस मामले पर पहले ट्वीट कर चुकी हैं। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट में कहा था कि विकास दुबे का उज्जैन पहुंचना न सिर्फ यूपी के सुरक्षा दावों की पोल खोलता है, बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है। प्रियंका ने आगे कहा था- “तीन महीने पुराने पत्र पर ‘नो एक्शन’ और कुख्यात अपराधियों की सूची में ‘विकास’ का नाम न होना बताता है कि इस मामले के तार दूर तक जुड़े हैं। यूपी सरकार को मामले की CBI जांच करा सभी तथ्यों और प्रोटेक्शन के ताल्लुकातों को जगजाहिर करना चाहिए।”

इस बीच नाटकीय घटनाक्रम में हुए विकास दुबे के एनकाउंटर पर कई अन्य लोग भी सवाल भी उठा रहे हैं। इसमें पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह भी शामिल हैं। उन्होंने यूपी एसटीएफ और यूपी पुलिस पर तंज कसा। सूर्य प्रताप सिंह ने अपने ट्वीट में फिल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप को टैग करते हुए लिखा, ‘भाई अनुराग क्या आप किसी नई फ़िल्म या वेब सीरीज़ के लिए लेखकों को ढूंढ रहे हो? आप UP STF से सम्पर्क कर सकते हैं, यहाँ काफी प्रतिभाशाली स्क्रिप्ट राइटर बेमतलब पुलिस की नौकरी में अपना वक्त बर्बाद कर रहे हैं।”