जम्मू-कश्मीर में अपना हित साधने के लिए नेताओं द्वारा जवानों और पुलिसकर्मियों को भला-बुरा कहना कोई नई बात नहीं है। लेकिन, अब सुरक्षाकर्मी यह सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि एक कार्यक्रम में फारूख अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के विधायक जावेद राणा जब पुलिसकर्मियों और सेना के जवानों के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे तो वहां मौजूद पुलिस अधीक्षक ने उन्हें चुप करा दिया। राज्य में नेता अक्सर ही जवानों के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं और सुरक्षा के लिए इन्हीं जवानों पर निर्भर भी रहते हैं।

जानकारी के मुताबिक, यह मामला पूंछ जिले के मेंढर इलाके का है। जम्मू-कश्मीर में विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस के विधायक जावेद राणा एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। वह वहां इकट्ठा लोगों को संबोधित कर रहे थे। वह अचानक से पुलिसकर्मियों और सेना के जवानों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने लगे। मंच पर मौजूद एसपी राजीव पांडे ने तत्काल हस्तक्षेप कर विधायक का मुंह बंद करा दिया। पुलिस अधिकारी जब उन्हें ऐसा न बोलने को कह रहे थे तब नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने कहा, ‘क्या? आप क्या कहना चाहते हैं?’ इस पर एसपी बोले- हमलोग बहरे नहीं हैं। जावेद राणा ने फिर पूछा, ‘आप वास्तव में कहना क्या चाहते हैं? जो आप कह रहे हैं उसका क्या मतलब है?’ पुलिस अधिकारी ने सेना के जवानों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कुछ भी सुनने से इंकार कर दिया।

सुरक्षाबल घाटी से आतंकियों को खदेड़ने के लिए विशेष अभियान चला रहे हैं। इसमें अब तक दर्जनों आतंकियों का सफाया किया जा चुका है, जिनमें आतंकी संगठनों के सरगना भी शामिल हैं। हालांकि, इसके बावजूद सीमा पार से आतंकियों का भारत में घुसपैठ कराने का सिलसिला थमा नहीं है। आमतौर सर्दियों के मौसम में हिमपात होने के कारण घुसपैठ की घटनाएं कम ही सामने आती हैं। पिछले कुछ महीनों में सुरक्षाबलों ने कई आतंकी हमलों की साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया है। इसमें जवानों को शहादत भी देनी पड़ी है।