उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक हिस्ट्रीशीटर की खोज में छापेमारी करने गए पुलिसकर्मियों की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी। मामला शुक्रवार सुबह का है। पुलिसकर्मियों की एक टीम चौबेपुर के बिकारू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को हत्या की कोशिश से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार करने गई थी। पुलिसकर्मियों की मौत के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गुस्सा जताते हुए डीजीपी एचसी अवस्थी को अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। सीएम ने इस घटना की रिपोर्ट भी मांगी है।
दूसरी तरफ एडीजी कानपुर जोन ने बताया कि अपराधियों को पकड़ने के लिए हाई-अलर्ट जारी कर दिया गया है। आसपास के जिलों- कन्नौज और कानपुर देहात की पुलिस को भी बुलाया गया है। फिलहाल कानपुर संभाग के सभी 6 जिलों की सीमाएं सील कर दी गई हैं।
घटना में जिन पुलिसकर्मियों की जान गई है। उनमें एक डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा शामिल हैं। इसके अलावा स्टेशन ऑफिसर महेश यादव, सब-इंस्पेक्टर अनूप कुमार और बाबूलाल और कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह, राहुल, जीतेंद्र और बब्लू की भी फायरिंग में जान गई है। घायल पुलिसकर्मियों को कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कौन है विकास दुबे?: विकास दुबे का लंबा क्रिमिनल रिकॉर्ड है। उस पर 52 आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2001 में उस पर कानपुर के शिवली पुलिस थाने में एक राज्य मंत्री का दर्जा रखने वाले संतोष कुमार की हत्या का आरोप लगा था। पुलिस का कहना है कि विकास दुबे की खुद का पूरा गिरोह है, जिसमें ज्यादातर युवा हैं। उसने गिरोह में सभी को हथियार मुहैया कराए हैं।
अपराधियों ने पुलिसकर्मियों की साजिशन हत्या की: डीजीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि अपराधी विकास दुबे को पकड़ने के ऑपरेशन को जारी रखा जा रहा है। हमने घटनास्थल पर एसटीएफ तैनात कर दी है। एसटीएफ के आईजी भी जल्द ही वहां पहुंचेंगे। इसके साथ ही कानपुर एसटीएफ भी मामले को देख रही है। उन्होंने बताया कि गोलीबारी में 7 अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं। घटना को अंजाम देने के बाद अंधेरे का फायदा उठाकर अपराधी भागने में कामयाब रहे हैं। कानपुर से एक फॉरेंसिक टीम और लखनऊ से एक एक्सपर्ट टीम को घटनास्थल रवाना किया गया है।
डीजीपी ने आगे कहा, “विकास दुबे पर आईपीसी की धारा 307 के तहत केस दर्ज था। जब पुलिस उसे पकड़ने गई, तो रास्ते में जेसीबी लगे होने से उनके वाहन आगे नहीं जा पाए। जैसे ही फोर्स अपनी गाड़ियों से उतरी, अपराधियों ने उन पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, लेकिन अपराधियों के ऊंचाई पर होने की वजह से इसका कोई असर नहीं हुआ। हमारे 8 कर्मियों की मौत हुई है।”