गुजरात के सूरत जिले में बृहस्पतिवार को एक गैर रिसाव की एक बड़ी घटना हो गई। फैक्टरी के पास खड़े रसायन से भरे टैंकर से कथित तौर पर निकले जहरीले धुएं की चपेट में आने से कारखाने के छह मजदूरों की मौत हो गई और करीब 22 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूरत नगर निगम (एसएमसी) के प्रभारी मुख्य दमकल अधिकारी बसंत पारीक ने बताया कि हादसे के समय सभी मजदूर सचिन औद्योगिक क्षेत्र स्थित रंगाई कारखाने में सो रहे थे। कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने घटना पर दुख जताते हुए इसकी पूरी जांच की मांग की है।

बसंत पारीक ने बताया कि दमकल विभाग को सुबह करीब चार बजकर 25 मिनट पर घटना की सूचना मिली। जहरीला धुआं सांस लेते समय शरीर में जाने से करीब 25-26 मजदूर बेहोश हो गए थे, यह धुआं कारखाने के पास खड़े एक टैंकर से निकल रहा था। मजदूरों को ‘न्यू सिविल हॉस्पिटल’ में भर्ती कराया गया है। सिविल अस्पताल के रेजिडेंट चिकित्सा अधिकारी ओंकार चौधरी ने कहा, ‘‘छह मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि 22 अन्य का इलाज चल रहा है।’’

पारीक ने बताया कि बाद में दमकल विभाग ने गैस का रिसाव रोकने के लिए टैंकर के ‘वॉल्व’ को बंद कर दिया। एसएमसी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि टैंकर से रसायन को अवैध रूप से निकालने का काम किया जा रहा था, तभी उसमें से जहरीली गैस का रिसाव हुआ और वह आसपास के इलाकों में फैल गई। इससे रंगाई एवं छपाई मिल और आसपास के इलाकों में मौजूद 26 मजदूर बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। इलाके में दो कुत्तों की भी मौत हो गई। नगर निकाय ने कहा कि एहतियाती तौर पर आसपास के इलाके के कुछ लोगों को वहां से निकाला गया है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सूरत में गैस रिसाव के कारण कई लोगों की मौत हो गई। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति दें। पीड़ितों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने एक ट्वीट करके कहा, “सूरत में हुए गैस लीक हादसे से जिनके प्रियजनों की जान गईं, उन्हें शोक संवेदनाएं। अन्य पीड़ितों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए सही जांच होनी चाहिए।”