प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (1 नवंबर, 2022) को गुजरात के मोरबी जाएंगे। एक दिन पहले ही यहां केबल सस्पेंशन पुल टूटने से बड़ा हादसा हो गया, जिसमें मरने वालों का आंकड़ां 140 को भी पार कर गया है। इस बीच पीएम मोदी यहां का दौरा करेंगे और पीड़ितों से मिलेंगे।

6 महीने से बंद पड़े इस पुल को 4-5 दिन पहले ही खोला गया था। इसके चलते 500 लोग पुल पर पहुंच गए, जिसकी क्षमता सिर्फ 100 लोगों की है। ऐसे में यह इतना भार नहीं झेल सका और टूट गया। इस बीच एक और बात सामने आई है कि यह पुल 6 महीने से बंद पड़ा था क्योंकि यहां मरम्मत का काम चल रहा था और इसे अभी तक नगरपालिका की तरफ से फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं मिला था।

एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत

इस हादसे में एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें 5 बच्चे भी शामिल हैं। यह परिवार जामनगर जिले के धरोल तालुका के जलिया देवानी गांव का है। सोमवार को शवों को उनके अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।

इस दर्दनाक हादसे को लेकर तमाम नेताओं की तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और अपनी संवेदनाएं प्रकट कर रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस घटना पर शोक जताया है। उन्होंने कहा, “गुजरात में दिल दहला देने वाली घटना हुई। घटना में बच्चों समेत कई लोगों की जान चली गई। हादसों पर कोई नियंत्रण नहीं कर सकता लेकिन पूरे देश की भावनाओं को झकझोर देने वाली इस घटना ने लोगों को आहत और दुखी किया है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। दिवंगत की आत्मा को शांति मिले।”

यह पुल एक सदी से भी ज्यादा पुराना है और सिर्फ मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश की धरोहर है। इस पुल को अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया था उस वक्त इसको बनाने का सारा सामान इंग्लैंड से मंगवाया गया था। उस समय इसको बनाने के लिए साढ़े तीन लाख रुपए की लागत लगी थी। हाल ही में 6 महीने के दौरान जो पुल की मरम्मत का काम हुआ है, उसमें 2 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।