Madhya Pradesh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता परियोजना का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर कूनो पालपुर नेशनल पार्क में 8 अफ्रीकन चीतों को नामीबिया से लाया जाएगा। साल 1952 में भारत सरकार ने चीता को विलुप्त मान लिया था, लेकिन एक बार फिर कूनो नेशनल पार्क में चीता दिखाई देंगे।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को बताया कि प्रधानमंत्री अपने जन्मदिन के दिन 17 सितंबर को कुनो राष्ट्रीय पार्क पहुंचेंगे और चीता परियोजना का उद्घाटन करेंगे। पीएम श्योपुर के कराहल में महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को भी संबोधित करेंगे।

मध्य प्रदेश वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चीतों को दिल्ली से कूनो तक ले जाने के लिए एक एयरफोर्स हेलिकॉप्टर की व्यवस्था की जा रही है। कुनो राष्ट्रीय उद्यान के आसपास कम से कम छह हेलीपैड बनाए जा रहे हैं क्योंकि इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित कई गणमान्य व्यक्तियों के आने की उम्मीद है। चीता को पिछले साल नवंबर में लाया जाना था, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई।

पिछले महीने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा था कि सितंबर में आठ अफ्रीकी चीतों को कूनो लाया जा रहा था। कार्यक्रम में देरी हुई है, क्योंकि चार तेंदुओं बाड़े में घुस गए थे। जिसमें जिसमें चीतों को छोड़ा जाना था। वन अधिकारियों ने कहा कि चार में से तीन तेंदुओं को बाहर निकाल दिया गया है और चौथे को निकालने की कोशिश जारी है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम सभी यहां कूनो नेशनल पार्क में हैं और चीतों के आने से पहले चौथे तेंदुए को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, क्वारंटाइन के लिए बनाए गए बाड़े और चीतों के अनुकूल होने के बारे में सब कुछ स्पष्ट है। इस बीच केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि अगले 3-4 वर्षों में भारत सरकार का लक्ष्य 50 अफ्रीकी चीतों का लाना है।

माना जाता है कि चीता भारतीय परिदृश्य से गायब हो गया था, जब छत्तीसगढ़ में कोरिया के महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने शिकार किया और 1947 में भारत में अंतिम तीन एशियाई चीतों को गोली मार दी। इस प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित किया गया था।