आवारा कुत्‍तों के आतंक से त्रस्‍त केरल में अब दो पालतू खूंखार कुत्‍तों ने एक 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला को नोंच-नोंच कर मार डाला है। यह घटना सोमवार (5 फरवरी) की है। महिलाओं का एक झुंड कॉफी बागान पहुंचा था, जिसमें चरिती (व्‍यथिरि, वयनाड जिला) के अंबेडकर नगर निवासी राजम्‍मा भी शामिल थीं। सभी महिलाएं बागान में कॉफी इकट्ठा करने में जुटी थीं। सुबह तकरीबन 9:30 बजे दो पालतू रॉटविलर कुत्‍तों ने राजम्‍मा पर अचानक हमला बोल दिया था। पुलिस ने बताया कि दोनों कुत्‍ते स्‍थानीय निवासी करिक्‍कल जोसे के थे। उनका घर कॉफी बागान के पास में ही स्थित है, जहां राजम्‍मा काम करती थीं। बताया जाता है क‍ि करिक्‍कल अपने पालतू कुत्‍तों को बंद कर बाहर गए थे, लेकिन वे निकलने में कामयाब रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया क‍ि राजम्‍मा बुरी तरह घायल हो गई थीं। कुत्‍तों ने उनके दोनों हाथों को नोंच डाला था। हादसे में सिर भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्‍त हो गया था। उन्‍हें शुरुआत में स्‍थानीय अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उन्‍हें कोझीकोड मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था, लेकिन उन्‍हें बचाया नहीं जा सका।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दोनों कुत्‍तों के मालिक करिक्‍कल के खिलाफ आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही के कारण मौत) और 289 (जानवरों के प्रति लापरवाही बरतना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। ‘टाइम्‍स ऑफ इंडिया’ ने वार्ड मेंबर बशीर पूकोदन के हवाले से बताया क‍ि आरोपी परिवार के सदस्‍य चर्च गए थे, जब कुत्‍ते बंधन से छूटकर बाहर आ गए थे। उन्‍होंने कहा, ‘राजम्‍मा अपनी टोकरी लेने के लिए कुछ दूर अकेले गई थीं, कुत्‍तों ने उसी वक्‍त उन पर हमला बोल दिया था। उनके साथियों के वहां पहुंचने के पहले ही कुत्‍तों ने उन्‍हें बुरी तरह नोंच कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था।’ मालूम हो कि पिछले कुछ वर्षों में केरल में आवारा कुत्‍तों का आतंक बहुत ज्‍यादा बढ़ गया था। इसके बाद केरल सरकार ने खतरनाक कुत्तों को मारने का फैसला किया था। विपक्ष और पशु कल्याण बोर्ड ने इसका कड़ा विरोध किया था। लेकिन, राज्‍य सरकार खतरनाक कुत्तों को मरवाने के अपने फैसले पर अडिग रही थी। इस अभियान के तहत दर्जनों कुत्‍तों को मारा गया था। पिछले साल 65 साल की एक बुजुर्ग महिला को कुत्तों ने नोंच कर मार डाला था। यह घटना तिरुअनंतपुरम में ही सामने आई थी। एक अन्य मामले में 52 वर्षीय महिला पर भी आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया था। वह किसी तरह बचने में कामयाब रही थीं। इन घटनाओं को देखते हुए केरल सरकार ने राज्‍य में ही एंटी रैबीज टीका विकसित करने का भी फैसला लिया था।