Pulwama Attack के बाद से मची अशांति के बीच जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार को सीधी चेतावनी दी है। जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य के दर्जे से जुड़ी धारा 35 ए को लेकर शुरू हुई गहमागहमी के बीच महबूबा ने कड़ा बयान दिया है। उन्होंने तल्ख शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘आग से मत खेलो, अनुच्छेद 35-ए से छेड़छाड़ मत करो वरना वो होगा जो देश में 1947 के बाद से नहीं हुआ। अगर जबर्दस्ती की की गई तो मुझे नहीं पता जम्मू-कश्मीर के लोग तिरंगे की जगह कौन-सा झंडा थामने को मजबूर हो जाएंगे।’
SC में सुनवाई इसी हफ्तेः अनुच्छेद 35-A की वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में इसी हफ्ते सुनवाई होनी है। इसके लिए 26 से 28 फरवरी के बीच मामले को सूचीबद्ध किया गया है। उल्लेखनीय है कि जनसंघ के समय से ही अनुच्छेद 370 को हटाना भी बीजेपी के एजेंडे में शामिल रहा है। मोदी सरकार के कार्यकाल में भी कई बार इसकी मांग पार्टी के नेताओं की तरफ से भी उठाई जाती रही है।
क्या है अनुच्छेद 35-A: संविधान के इस अनुच्छेद के तहत जम्मू-कश्मीर के मूल निवासियों को कई विशेष अधिकार प्राप्त हैं। इसके तहत वहां के मूल निवासियों के अलावा देश का कोई नागरिक कोई संपत्ति नहीं खरीद सकता है।
जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासनः गौरतलब है कि पिछले कई दशकों से जम्मू-कश्मीर पाकिस्तानी आतंक से पीड़ित है। कुछ महीनों से राज्य में राज्यपाल शासन लगा हुआ है। पिछले विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने के चलते धुर विरोधी विचारधारा की पार्टियों बीजेपी और पीडीपी ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के फॉर्मूले पर सरकार बनाई थी लेकिन बाद में यह गठबंधन टूट गया और राज्य में एक बार फिर से सियासी अस्थिरता आ गई। इसके बाद राज्य में हुए पंचायत चुनाव का भी नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी समेत कई स्थानीय दलों ने बहिष्कार किया था।