अफगानिस्तान में तालिबान के शासन पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि तालिबान असली शरिया कानून के तहत अफगानिस्तान पर शासन करे और महिलाओं को अधिकार दे।
अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बन चुकी है। मंत्रियों के विभाग और नाम तय हो चुके हैं। तालिबान कब्जा करने के समय से ही साफ कर चुका है कि अब अफगान नागरिकों को शरिया कानून मानना पड़ेगा और महिलाओं को इसी कानून के तहत अधिकार मिलेंगे।
तालिबान के इसी शरिया कानून और शासन को लेकर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने टिप्पणी की है। महबूबा ने कहा- तालिबान एक हकीकत के रूप में सामने आया है। सत्ता में पहली बार इसकी छवि मानवाधिकार विरोधी की थी। अगर वह अफगानिस्तान पर शासन करना चाहता है, तो उसे कुरान में निर्धारित सच्चे शरिया कानून का पालन करना होगा जो महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के अधिकारों की गारंटी देता है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर तालिबान मदीना में पैगंबर मुहम्मद द्वारा स्थापित शासन का अनुसरण करता है, तो यह दुनिया के लिए एक उदाहरण स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि अगर तालिबान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ व्यापार करना चाहता है तो उसे इस्लाम और शरीयत की कठोर व्याख्या से दूर रहना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो यह अफगानिस्तान के लोगों के लिए मुश्किल बना देगा।
इससे पहले कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने तालिबान पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि तालिबान सबके साथ इंसाफ करेगा। फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि अफगानिस्तान एक अलग देश है। जो वहां पर आए हैं उन्हें अब उस मुल्क को संभालना है। उम्मीद करूंगा कि वे सभी से इंसाफ करेंगे और इस्लामी उसूल पर अच्छी हूकूमत चलाएंगे। उन्हें हर मुल्क के साथ दोस्ताना ताल्लुक पैदा करने की कोशिश करनी चाहिए।
उधर शांति और महिलाओं को अधिकार देने के दावों के बीच तालिबान अब वापस पुराने रूप में आता दिखाई दे रहा है। लड़कियों के लिए अफगानिस्तान में अब खेल बंद हो चुका है। तालिबान ने बुधवार को कहा कि अफगान महिलाएं क्रिकेट समेत किसी भी खेल में हिस्सा नहीं ले सकतीं, क्योंकि खेल गतिविधियां उनके शरीर की नुमाइश करेंगी।