जैसे-जैसे कोरोना संकट गहरा रहा है, वैसे-वैसे रोज नए खुलासे हो रहे हैं। देश के लगभग सभी राज्यों में कोरोनाग्रस्त लोगों के इलाज में जरूरी सुविधाओं का लगातार अभाव बना हुआ है। दूसरी तरफ कई ऐसे सरकारी अस्पताल हैं, जहां जरूरी उपकरण होते हुए भी उनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। लोग कहीं ऑक्सीजन के अभाव में लोग दम तोड़ रहे तो कहीं अस्पताल में इलाज ना मिल पाने से सांसों की जंग हार जाते हैं। यूपी के हाथरस जिले में व्यवस्था की इस बदइंतजामी पर न तो शासन प्रशासन गंभीर है और न ही चिकित्सा से जुड़े लोग ही ध्यान दे रहे हैं।

हाथरस जिले के संयुक्त जिला अस्पताल के वेंटिलेटर रूम में बाहर से ताला लगा है। अंदर वेंटिलेटर सेफ रूम में रखे हुए हैं। इस बारे में जब मीडिया ने सीएमएस से पूछताछ की तो वे बोले कि वेंटिलेटर रखे गए हैं और चल भी रहे हैं। वे यह नहीं बता पा रहे हैं कि ताला बंद करके कैसे चलाया जा रहा है। उनका कहना था कि यह कोविड अस्पताल नहीं है। इसलिए उसे अंदर रखा गया है। पूछताछ के दौरान ही वे इसका जवाब देने के बजाए कि जहां इसकी तुरंत जरूरत है वहां क्यों नहीं भेजा जा रहा है, उलटा वे मीडिया पर ही भड़क उठे।

https://www.aajtak.in/india/uttar-pradesh/video/hathras-ventilators-available-in-hospital-but-locked-inside-a-room-1253697-2021-05-12

यूपी में विपक्ष लगातार सरकारी व्यवस्था पर उंगली उठा रहा है। इसके बावजूद व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। यूपी के ही शाहजहांपुर जिले में दो मरीजों को जबरन एक खास दुकान से दवा खरीदवाने के आरोप में एक डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बुधवार को बताया कि पिछले सोमवार को उन्हें मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टर अनिल राज के खिलाफ शिकायत मिली थी कि वह मरीजों को एक विशेष दुकान से दवा खरीदने को कहते हैं और इन आरोपों की जांच के बाद यह सही पाया गया।

उन्होंने बताया कि इसके बाद उनके निर्देश पर राज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक नगर संजय कुमार ने बताया कि महमूदपुर गांव निवासी रजनीश ने डॉक्टर राज के खिलाफ शिकायत की थी, जिसमें उसने कहा था कि उसका मरीज मेडिकल कॉलेज में भर्ती था, तब डॉक्टर राज ने उससे एक विशेष दुकान से दवा लेने को कहा था। उन्होंने कहा कि डॉक्टर राज ने जिस दुकान से दवा मंगवाई वहां वह दवा 7000 रुपए की मिली, जबकि वही दवा दूसरी दुकान पर मात्र 1100 रुपए में उपलब्ध थी।

कुमार ने शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि जब डॉक्टर राज को पता लगा कि वह दवा की कीमत के बारे में किसी और दुकान पर पूछताछ कर रहा है तो उन्होंने उसके साथ अभद्रता की और उसके मरीज को अस्पताल के बेड से हटा दिया।