सोशल मीडिया पर सेना (Indian Army) को लेकर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने वालीं जेएनयू की पूर्व छात्र नेता (JNUSU Leader) शेहला राशिद को लेकर कोर्ट ने पुलिस को अहम आदेश दिया है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने इस मामले में पुलिस (Delhi Police) को आदेश दिया है कि यदि आरोपी को गिरफ्तार करने की जरूरत हो तो 10 दिन पहले नोटिस दें। कोर्ट का यह आदेश जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट नेता शेहला राशिद की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करने के दौरान आया।

शेहला पर दर्ज है झूठे आरोप लगाने का केसः शुक्रवार (15 नवंबर) को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को शेहला राशिद पर चल रहे राजद्रोह के इस मामले में आदेश जारी किया। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 10 सितंबर 2019 को शेहला पर एक एफआईआर दर्ज की थी। इसमें उन पर ट्विटर के जरिये इंडियन आर्मी पर बेबुनियाद और झूठे आरोप लगाने का मामला दर्ज किया गया था।

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इन धाराओं में दर्ज है मुकदमाः शेहला पर यह केस सुप्रीम कोर्ट के वकील अशोक श्रीवास्तव ने किया था, उन्होंने आरोपी नेता की गिरफ्तारी की मांग की थी। दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 124-A, 153A,153, 504, 505 (IPC Sections) के तहत केस दर्ज किया था। उन्होंने Article-370 पर मोदी सरकार के बड़े फैसले के बाद कश्मीर के हालात पर बयान देते हुए सेना पर गंभीर आरोप लगाए थे।

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सेना पर लगाए थे ये आरोपः रिपोर्ट्स के मुताबिक शेहला ने कहा था, ‘सेना रात के समय आम लोगों के घरों में घुसकर परेशान कर रही है। उनके घरों का राशन, आटा, दाल, तेल जमीन पर फेंका जा रहा है। उनके घर के लड़कों को अवैध तौर पर हिरासत में लिया जा रहा है।’ इसके अलावा शेहला ने जवानों पर आम लोगों को शोपियां में टॉर्चर करने का भी आरोप लगाया था। हालांकि सेना ने उनके बयानों को सिरे से खारिज कर दिया था।