बीते दिनों आम आदमी पार्टी के शिक्षक इकाई में ‘पैराशूट संस्कृति’ अपनी जगह बनाती दिखी! दरअसल बीते पांच सालों से आम आदमी पार्टी का दिल्ली विश्वविद्यालय में झंडा उठाने वाले अति पिछड़े वर्ग के शिक्षक नेता को चंद मिनट में न केवल संगठन के शीर्ष पद से बाहर कर दिया गया बल्कि बने नए शिक्षक इकाई के आठ सदस्यों में भी उन्हें जगह नहीं मिली !

दूसरी ओर हाल ही में पार्टी का हाथ पकड़ने वाले पुराने कांग्रेसी विचारधारा के शिक्षक नेता को पार्टी के शिक्षक इकाई का प्रभारी बना दिया गया। हालांकि यह बात सर्वविदित है कि बनाए गए नए प्रभारी, शिक्षकों की राजनीति में सक्षम हैं और जाना पहचाना चेहरा हैं। इससे पार्टी को लाभ मिलना तय है लेकिन उनकी नियुक्ति ने पार्टी में ‘पैराशूट संस्कृति’ का ठप्पा तो लगा ही दिया!

बरकरार है असमंजस

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में पिछले कई महीनों से स्थायी सीईओ की तैनाती को लेकर असमंजस की स्थिति अभी भी जारी है। नरेंद्र भूषण के बाद यहां की अतिरिक्त जिम्मेदारी मेरठ मंडलायुक्त और फिलहाल नोएडा सीईओ को दी गई है। नरेंद्र भूषण से इतर मेरठ मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने अपने कार्यकाल में जमकर अवैध अतिक्रमणों समेत शिकायतों पर कार्रवाई की। उनके खेमे में वे अधिकारी शामिल हुए, जो पूर्व में नरेंद्र भूषण के नजदीक नहीं थे। अब नोएडा सीईओ और तेज तर्रार आइएएस रितु माहेश्वरी के पास नोएडा, एनएमआरसी के अलावा ग्रेटर नोएडा सीईओ का कार्यभार है।

उनके आने के बाद एक बार फिर से नजदीक रहने वाले अधिकारियों में फेरबदल हुआ है। इस कारण पूर्व में चल रही जांचों की रफ्तार मंद पड़ने के आसार बताए जा रहे हैं और नए मामलों की जांच शुरू कराई जा रही है। दीगर है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यीडा में स्थायी और ताकतवर सीईओ की तैनाती शासन की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसी वजह से पहले से दो अहम जिम्मेदारियों के अलावा ग्रेटर नोएडा सीईओ के कार्यभार लंबे समय तक रहने पर संशय जताया जा रहा है।

चालान का नुकसान

दिल्ली पुलिस ने अगर आपका वाहन चालान किया है तो आपको उसके कई नुकसान उठाने होंगे। एक तो आर्थिक रूप से जेब ढीली करनी ही होगी साथ ही आप मानसिक और शारीरिक रूप से थकेंगे सो अलग। इस पर भी आपको चालान जमा करना जरूरी है क्योंकि यह जमा नहीं किया तो इसका ठीकरा भी आप पर ही फूटेगा। यह बात बेदिल को भी तब पता चली जब उसकी भेंट एक भुक्तभोगी से हो गई। उसने अपनी पीड़ा बताई कहा, भूलवश लालबत्ती पार करने के कारण उनकी स्कूटी का चालान हो गया।

कई महीने बाद जब चालान की रसीद आई। किसी से पूछा कि चालान कहां-कहां जमा होता है तो पता चला कि सड़क पर खड़े हर वरिष्ठ पुलिस वाले के पास यंत्र होता है। वे पहुंचे वरिष्ठ अधिकारी के पास जिनके आसपास तीन से चार कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल खड़े चालान काटने की मुद्रा में मिले। पूछते ही बोल पड़े, मशीन खराब है, आगे फलां जगह मिल जाएगा। फिर आगे भी उन्होंने स्कूटी दौड़ा दी। वहां भी कहा गया कि मशीन खराब है, मुख्यालय चले जाएं या फिर दूसरे यूनिट यानि आगे बढ़ जाए। डरे-डरे तीन से चार अधिकारियों के पास दौड़ते हुए थक गए तो चालान फेंकने का मन किया, लेकिन जब उसमें तारीख देखी तो फिर उसे जेब में रख लिया। उनका चालान अभी तक जमा नहीं हुआ है।

संदेश का असर!

देशभर में भारतीय जनता पार्टी विशेष स्वच्छता अभियान चला रही है। लेकिन इसका असर रामलीला मैदान और इसके आसपास कहीं नजर नहीं आया। हाल ही में नेताओं ने साफ-सुथरे इलाके में झाड़ू लगाकर इस अभियान की खानापूर्ति की थी। बावजूद इसके रविवार को भाजपा के पंच परमेश्वर सम्मेलन के बाद मैदान और आसपास के इलाकों में जगह-जगह पानी की खाली प्लास्टिक ग्लास फैले नजर आए। इस स्वच्छता अभियान की कार्यक्रम में आए लोगों ने धज्जियां उड़ा दी। इसके लिए निगम द्वारा आसपास में नीला लाल या हरा कचरा डालने के लिए कोई कूड़ेदान भी नजर नहीं आया।
-बेदिल