16 साल की मधु पिछले कुछ महीनों से दिल्ली के सरकारी स्कूल में एडमिशन पाने के लिए कोशिश कर रही हैं। स्कूल ने उसे 11वीं कक्षा में एडमिशन देने से मना कर दिया क्योंकि उसके पास जरूरी कागजात नहीं है। मधु का कहना है कि उसके लिए ये कागजात बनवाने संभव नहीं हैं, क्योंकि वह अपने परिवार के साथ दो साल पहले पाकिस्तान से भारत आ गई थीं। अब उसने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से स्कूल में एडमिशन दिलवाने के लिए अपील की है। दो साल पहले पाकिस्तान के पंजाब से आई मधु अभी दिल्ली की संजय कॉलोनी में रहती हैं। वह पाकिस्तान से अपनी मां, मामा, भाई-बहन और चचेरे भाई बहनों के साथ आई थीं। उसके पिता की काफी समय पहले मौत हो गई थी।
जब मधु के परिवार ने पाकिस्तान छोड़ा था, उस वक्त वह वहां दसवीं कक्षा में पढ़ती थीं। पाकिस्तान में उनकीं जिंदगी आसान नहीं थी। द हिंदू अखबार ने मधु के चाचा के हवाले से लिखा है, ‘वह स्कूल में असुरक्षित और अपमानित महसूस करती थी। एक हिंदू होने की वजह से उसे गिलास से पानी पीने की इजाजत नहीं थी। इसके लिए वह हाथ से पानी पीती थी। उसके टीचर्स भी उससे दूरी बनाकर रखते थे।’
साथ ही चाचा ने बताया, ‘जब हम लोग भट्टी माइन्स में सरकारी स्कूल में गए तो उन्होंने बताया कि उसकी उम्र ज्यादा हो गई। उसके बाद उन्होंने ट्रांसफर सर्टिफिकेट मांगा, जो कि हम पाकिस्तान में ही भूलकर आ गए। उसके बाद स्कूल ने आधार कार्ड मांगा। जब हमने वह बनवा लिया तो उन्होंने दूसरे कागजात मांगे।’
मधु ने वकील और समाजसेवी अशोक अग्रवाल से अपनी यह बात बताई। अग्रवाल की संस्था ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन ने सीएम अरविंद केजरीवाल को कहा कि वे ऐसे नियमों के बारे में दोबारा से सोचें, जो ऐसे बच्चों को शिक्षा से दूर रखते हैं।
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