एक तरफ जहां भारतीय नागरिक हामिद निहाल अंसारी आखिरकार 6 साल बाद पाकिस्तान से भारत लौट आए हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के इमरान कुरैशी वारसी जासूसी के आरोप में पिछले दस साल से भारत में हैं। हालांकि इस साल उसे रिहा किया गया लेकिन पाकिस्तानी नागरिक होने के नाते उसे वापस नहीं भेजा गया। इमरान अब भोपाल के शाहजहांबाद पुलिस स्टेशन में रहता है और उसे पता भी नहीं कि पाकिस्तान कब लौट पाएगा।

क्या कहते हैं इमरान वारसी
भोपाल के शाहजहाँनाबाद पुलिस स्टेशन में ही अपना ज्यादातर वक्त बिताने वाले इमरान कहते हैं कि उन्होंने पिछले दस साल में कई अहम सबक सीखे हैं। मैं कभी यहां से भागने या फिर कानून तोड़ने की सोच भी नहीं सकता हूं। अगर मैं यहां से भाग भी जाउंगा तो आखिर जाउंगा कहां। बता दें कि जासूसी के आरोप में इमरान ने दस साल जेल में बिताए हैं और भोपाल से पासपोर्ट हासिल करने के लिए दस्तावेजों को ज़ब्त करने के बाद रिहा होने के बाद पुलिस थाना उसका घर बन गया है।

जनवरी में खत्म हो गई थी सजा
इमरान की सजा जनवरी 2018, में समाप्त हो गई थी, लेकिन इमरान को दो महीने जेल में बिताने पड़े क्योंकि उनके पास ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए 8,000 रुपये के जुर्माने का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं थे। उन्हें 14 मार्च को भोपाल जेल से रिहा कर दिया गया और शाहजहाँनाबाद पुलिस स्टेशन भेजा गया, एक नोडल स्टेशन जहां उनके जैसे विदेशियों को तब तक रखा जाता है, जब तक उन्हें वापस उनके देश नहीं भेजा जाता है। गौरतलब है कि इमरान हिरासत में नहीं हैं लेकिन वो पुलिस स्टेशन परिसर से बाहर भी नहीं जा सकते हैं। कर्मचारी इमरान के खाने, कपड़े और बाकी जरूरतों की आवश्यकताओं की वस्तुओं की व्यवस्था करता है। बता दें कि इमरान को थाने के अंदर रात गुजारनी होती है।

क्या है आरोप
इमरान पर मध्य प्रदेश पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स ने सेना के बारे में संवेदनशील जानकारी एकत्र करने का आरोप लगाया था। जिसके चलते उन्हें दस साल की सजा दी गई थी। जानकारी के मुताबिक 6 नवंबर 2018 को उन्हें वाघा बॉर्डर चलने के लिए तैयार होने के लिए कहा था। लेकिन किसी वजह से बात नहीं बन पाई और इमरान के वापस पाकिस्तान जाने की उम्मीद टूट गई।

पेपर नहीं है तैयार
शाहजहाँनाबाद पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारी नागेन्द्र पटेरिया के मुताबिक चुनावों में व्यस्ता के कारण जरूरी पेपर तैयार नहीं हो पाए थे। इसके साथ ही मध्य प्रदेश पुलिस को अभी तक विदेश मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं प्राप्त हुआ। इसके साथ ही शाहजहांनाबाद पुलिस थाना प्रभारी शैलेंद्र मुकाती भी पेपर पूरे नहीं होने की बात कहते हैं।

भारत में रहना चाहते हैं इमरान
इमरान कहते हैं कि वो भारत में ही रहना चाहते हैं क्योंकि वो प्यार के लिए 2003 में भारत आए थे। उन्होंने उनकी एक भारतीय कजिन से ही शादी की है और उनके दो बच्चे भी हैं। इसके साथ ही इमरान कहते हैं कि विभाजन के दौरान उनके पिता पाकिस्तान चले गए थे जबकि उनके कुछ रिश्तेदार भारत में ही रह गए थे। चार साल से अधिक कोलकाता में रहने के बाद मैं 2008 (इमरान) में भोपाल आया क्योंकि मैंने सुना था कि यहां आसानी से पासपोर्ट बनवा सकते हैं। इसके साथ ही इमरान कहते हैं कि मैंने अपने पूर्वजों की संपत्ति का एक हिस्सा भी मांगा था जिस वजह से मेरे यहां के रिश्तेदारों ने पुलिस को ये बता दिया कि मैं एक पाकिस्तानी जासूस हूं। इसके साथ ही इमरान का ये भी कहना है कि पुलिस स्टेशन का स्टाफ हमेशा उसके साथ अच्छा रहा है।

 

मध्य प्रदेश पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स का क्या है कहना
मध्य प्रदेश पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स का कहना है कि हमने इमरान को इसलिए गिरफ्तार किया क्योंकि वो पाकिस्तान के लिए जासूसी करता था। जब पुलिस ने इमरान को गिरफ्तार किया तो उसके पास राशन कार्ड और पैन कार्ड था।