फर्जी जाति प्रमाणपत्र पर दो राज्यों के हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। पहले मामले में कांग्रेस को ओडिशा में बड़ा झटका लगा है। उड़ीसा हाई कोर्ट ने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर विधायक बने सुंदरगढ़ के कांग्रेस विधायक जोगेश कुमार सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी है। दूसरी तरफ, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उच्चस्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट खारिज कर दी है। साथ ही फिर से जांच करने का निर्देश दिया है, ताकि जोगी की जाति बारे में सही जानकारी सामने आ सके। सरकार ने उच्चस्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट के बाद अजीत जोगी के कास्ट सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया था। इस बात को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। ऐसे में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट द्वारा इस मामले की नए सिरे से जांच करने का आदेश पूर्व सीएम के लिए राहत वाला है।
उड़ीसा हाई कोर्ट ने मंगलवार (30 जनवरी) को कांग्रेस विधायक की सदस्यता रद्द करने का फैसला दिया। जोगेश कुमार सिंह वर्ष 2014 में कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा के लिए चुने गए थे। सुंदरगढ़ अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। चुनाव में हार का मुंह देखने वाली ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) की नेता कुसुम टेटे और भाजपा प्रत्याशी सहदेव सासा ने जोगेश द्वारा सौंपे गए जाति प्रमाणपत्र को फर्जी बताते हुए उनके निर्वाचन को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अब कोर्ट ने कांग्रेस विधायक की सदस्यता रद्द कर दी है। ‘कलिंगा टीवी’ से बात करते हुए जोगेश ने उच्च न्यायालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। ओडिशा में सत्ता से वर्षों से बाहर कांग्रेस के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है।
Orissa High Court disqualifies Sundargarh Congress MLA Jogesh Kumar Singh for submission of fake caste certificate during 2014 elections. pic.twitter.com/Fy7WptisKS
— ANI (@ANI) January 30, 2018
Ajit Jogi's caste row: Chhattisgarh High Court directs High Power Committee to re-investigate the authenticity of caste of the former Chhattisgarh CM Ajit Jogi. The govt had earlier cancelled his caste certificate based on a report by the High Power Committee. (File Pic) pic.twitter.com/uqvZ9zWpPU
— ANI (@ANI) January 30, 2018
दूसरी तरफ, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से अजीत जोगी को बड़ी राहत मिली है। वह आदिवासी हैं या नहीं अब इस बात की नए सिरे से जांच की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश टीबी. राधाकृष्णन और जस्टिस शरद कुमार गुप्ता की पीठ ने जोगी की याचिका पर मंगलवार (30 जनवरी) को फैसला सुनाया। इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार, बीजेपी नेता संतकुमार नेताम और मरवाही विधानसभा से चुनाव लड़ने वाली भाजपा प्रत्याशी समीरा पैकरा पक्षकार थे। राज्य सरकार द्वरा गठित समिति ने जोगी को कंवर आदिवासी न मानते हुए उनका जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने की सिफारिश की थी। इसके बाद बिलासपुर जिला कलेक्टर पी दयानंद ने प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया था। जोगी ने 19 जुलाई 2017 को इस आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। जोगी ने कहा कहा कि न्याय की जीत हुई है। अजीत जोगी कांग्रेस से अलग होकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस पार्टी बना ली है।