नोएडा में करीब एक लाख वाहन ऐसे हैं, जिनकी प्रदूषण जांच अधूरी है। इसके बावजूद ये वाहन बेखौफ सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इन वाहनों से निकलने वाला धुआं न केवल वायु प्रदूषण को बढ़ा रहा है, बल्कि आम लोगों की सांसों पर भी संकट खड़ा कर रहा है। इन वाहनों के कारण आने वाले दिनों में हवा और अधिक जहरीली हो सकती है।

जिले में जनवरी से अब तक यातायात पुलिस ने 65 हजार ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की है, जो बिना प्रदूषण जांच कराए सड़कों पर दौड़ रहे थे। इसके बावजूद वाहन चालक बाज नहीं आ रहे हैं। डीसीपी यातायात, मनीषा सिंह के अनुसार, अब बड़े स्तर पर अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है और इसकी योजना तैयार की जा रही है। ऐसे वाहनों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए विशेष अभियान के तहत व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

ऐसे में ग्रेप के नियम प्रभावी होने से पहले यातायात पुलिस इन वाहनों पर लगाम कसने की तैयारी कर रही है। पुलिस की ओर से परिवहन विभाग से उन वाहनों की सूची मांगी गई थी, जिनका प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) वैध नहीं है या जिनकी जांच अब तक नहीं कराई गई है। रपट में सामने आया कि जिले में लगभग एक लाख ऐसे वाहन हैं, जिनकी प्रदूषण जांच अब तक अधूरी है।

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परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल इन वाहन मालिकों को मोबाइल संदेशों के माध्यम से सूचित किया जा रहा है और जल्द से जल्द प्रदूषण जांच कराने की चेतावनी दी जा रही है। लेकिन अगर इसके बाद भी वाहन स्वामी लापरवाही बरतते हैं, तो अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जाएगी और इन वाहनों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। अहम है कि ऐसे वाहनों का यातायात पुलिस की ओर से 10 हजार रुपए का चालान किया जाता है।

ऐसे में यातायात पुलिस ने अपनी तरफ से तैयारियां कर ली हैं। अधिकारियों का कहना है कि जल्द टीमें बनाई जाएंगी और सभी को जोन में बांटा जाएगा। जहां भी ऐसे वाहन चलते पाए जाएंगे, उनका चालान किया जाएगा। अगर किसी वाहन से धुआं निकलता पाया गया और वह चलने योग्य नहीं दिखा, तो वाहन को जब्त भी किया जा सकता है।