सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने हाल ही में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनावों के दौरान प्रचार से दूर रहने के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव की आलोचना की। वहीं बसपा को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा आपस में लड़कर दलित और पिछड़ों को धोखा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को एक साथ आना चाहिए।

राजभर ने कहा कि जब सपा-बसपा को एक ही बात को लेकर एक ही दिशा में जाना है तो फिर अलग-अलग क्यों लड़ रहे हो। उन्होंने दोनों पार्टियों को आगाह करते हुए कहा कि अगर और कमर कसे हो तो घर से निकलना पड़ेगा। जनता के बीच में आना पड़ेगा। उनकी परेशानियां और दुख-दर्द को समझना पड़ेगा।

सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अखिलेश यादव आजमगढ़ क्यों नहीं गए। हम भी अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, हमने वहां 12 दिन धूल फांकी है और ये लोग एसी में बैठकर रसमलाई चाप रहे हैं। उन्होंने कहा कि वो पहले भी कई बार अखिलेश यादव को नसीहत दे चुके हैं, उपचुनाव हो गया, परिणाम आ गया, लेकिन वो अब तक मेरी बातों पर सिर्फ विचार ही कर रहे हैं। राजभर ने कहा कि हम जहां रहते हैं, सच्च बोलते हैं। हम 18 महीने भाजपा सरकार में रहे। हमारी मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री से भिड़ंत होती थी। उन्होंने कहा कि हम कोई ठेका-पट्टा के लिए नहीं लड़ते थे। हम जनता के मुद्दे और गरीब-मजलूम के हक लड़ाई के लिए लड़ते हैं।

उनसे पूछा गया कि सपा और बसपा ने पहले 2019 का लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ा था, लेकिन बाद में अलग हो गए। राजभर ने कहा कि उन्हें आगामी आम चुनाव से पहले एक साथ आना चाहिए। यह उन्हें मेरी सलाह है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह समाजवादी पार्टी के साथ अपना गठबंधन जारी रखेंगे, सुभासपा प्रमुख ने कहा, “अब तक यह जारी है।” यह पूछे जाने पर कि क्या वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती को एक साथ लाने की कोशिश करेंगे, उन्होंने कहा, “मैं स्पष्ट रूप से इस संबंध में अपनी ओर से प्रयास करूंगा। यह मेरा काम है।”

राजभर की यह टिप्पणी बसपा द्वारा लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी के हारने के बाद आई है। आजमगढ़ से मायावती के उम्मीदवार शाह आलम, जिन्हें गुड्डू जमाली के नाम से भी जाना जाता है, ने मुस्लिम वोटों को विभाजित करते हुए 2.5 लाख से अधिक वोट हासिल किए। सपा के धर्मेंद्र यादव पार्टी के गढ़ आजमगढ़ में भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ से हार गए।