ओडिशा हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटनास्थल का जायला लिया और अधिकारियों से सीधी बात की। उनकी तरफ से स्वास्थ्य मंत्री से भी फोन पर ही लंबी बात की गई। क्या चर्चा हुई, अभी तक स्पष्ट नहीं, लेकिन पीएम काफी देर तक मंथन करते रहे। उनकी तरफ से कैबिनेट सचिव से भी फोन पर ही बात की गई।
पीएम मोदी ने फोन पर किससे बात की?
जानकारी के लिए बता दें कि शनिवार को ओडिशा में बड़ा रेल हादसा हो गया था। अब तक 288 यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और हजार के करीब जख्मी बताए जा रहे हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए शनिवार को पीएम मोदी सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे। उनकी तरफ से एक तरफ रेल मंत्री के साथ स्थिति का जायजा लिया गया, तो वहीं दूसरी तरफ फोन से भी तुरंत जरूरी निर्देश दिए गए। बताया जा रहा है कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से भी हर तरह की मदद देने की बात कही। वहां मौजूद अधिकारियों को भी कहा गया कि पीड़ितों को हर संभव सहायता दी जाए।
पीड़ितों से मिलने के बाद पीएम का बयान
स्थिति का जायजा लेने के बाद पीएम मोदी पीड़ितों से मिलने अस्पताल भी गए। वहां पर जा उन्होंने कई घायलों से मुलाकात की, उन्होंने उनका दर्द समझने की कोशिश की। उस मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह एक दर्दनाक घटना है। सरकार घायलों के इलाज के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। यह एक गंभीर घटना है, हर कोण से जांच के निर्देश जारी किए गए हैं। दोषी पाए जाने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। रेलवे ट्रैक बहाली की दिशा में काम कर रहा है। मैंने घायलों से मुलाकात की है।
ममता बनाम वैष्णव की सियासी लड़ाई
वैसे एक तरफ पीएम द्वारा स्थिति का जायजा लिया गया है तो दूसरी तरफ सियासी बयानबाजी ने भी जोर पकड़ा है। शनिवार को सीएम ममता बनर्जी और रेल मंत्री के बीच कुछ तल्खी देखने को मिली। असल में मीडिया से बात करते हुए ममता ने कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस में टक्कर रोकने वाला सिस्टम मौजूद नहीं था। जब मैं रेल मंत्री थी, मैंने ही इसकी कवायद की थी कि अगर एक ही ट्रेक पर दो ट्रेनें चलें तो एक निश्चित दूरी पर वो रुक जाएं। लेकिन मैं केंद्रीय मंत्री को बताना चाहती हूं कि इस ट्रेन में ऐसा कोई सिस्टम मौजूद नहीं था। इसके अलावा मौत के आंकड़े को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच मतभेद देखने को मिला।