नई दिल्ली, 17 अप्रैल। दिल्ली वालों के लिए आज मुश्किल भरा दिन रहेगा। सम-विषम पार्ट-2 की असल परीक्षा सोमवार को होने वाली है। त्योहार और सप्ताहांत के बाद राजधानी के सारे स्कूल और दफ्तर खुले होंगे। हालांकि राहत की खबर यह है कि ऑटो और टैक्सी चालक संघ ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। परिवहन मंत्री गोपाल राय के बैठक के बाद मिले लिखित आश्वासन पर यह हड़ताल वापस ले ली गई। ऑटो-टैक्सी संघ ऐप आधारित कैब ऑपरेटरों के किराया निर्धारण और कुछ अन्य मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे थे।
परिवहन मंत्री ने दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (कानून व्यवस्था) एसके गौतम और संयुक्त आयुक्त (यातायात) एके ओझा से मुलाकात की और उनसे रेलवे स्टेशनों और अस्पतालों जैसे स्थानों पर अधिक पुलिस कर्मी तैनात करने का आग्रह किया ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो। दिल्ली में लगभग 13,000 काली-पीली टैक्सी और करीब 81,000 ऑटो-रिक्शा हैं। परिवहन मंत्री ने दुपहिया के उपयोग और कार-पूलिंग की सलाह दी है, लेकिन दिल्ली के बढ़ते पारे के बीच इन सलाहों को जनता कितना समर्थन देगी, कहना मुश्किल है।
इससे पहले हिंसा और तोड़-भोड़ के आरोपों पर प्रतिक्रिया जताते हुए बीएमस समर्थित ऑटो चालक महासंघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन के महासचिव राजेंद्र सोनू ने कहा, ‘हमारा इतिहास रहा है कि हड़ताल के दौरान कभी हिंसा और तोड़-फोड़ नहीं की, यह आरोप बेबुनियाद है, हड़ताल शांतिपूर्ण और कानून के दायरे में रहेगा और अगर कोई हिंसा होती है तो वह विरोधी खेमे के लोग ही करेंगे।’ राजेंद्र ने कुछ ऑटो और टैक्सी चालक संघों के परिवहन मंत्री से मुलाकात मामले पर कहा, ‘यह पहली बार हो रहा है कि सरकार हड़तालियों से बातचीत नहीं कर दूसरे लोगों से बात कर रही है। जबकि हम चाहते हैं कि हमें बुलाया जाए और बातचीत हो।’
हड़ताली यूनियन का दावा है कि सरकार परिवहन व्यवस्था दुरुस्त करने की बात करती है लेकिन दस हजार ऑटो के लिए नए परमिट जारी नहीं किए गए हैं। उधर, परिवहन मंत्री का कहना है कि सरकार ऑटो-टैक्सी चालकों की समस्याओं के समाधान पर पर काम कर रही है, साथ ही 40 हजार से अधिक ऑटो चालकों को पूछो ऐप से जोड़ कर उनकी रोजी-रोटी बढ़ाने का काम कर रही है। फिलहाल सरकार का सिरदर्द हड़ताल से सम-विषम पर पड़ने वाला असर है।